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...तो शायद बच जाती गोंडा ट्रेन दुर्घटना, हादसे के बाद ट्रैक में तकनीकी गड़बड़ी को लेकर प्रसारित हुआ था बातचीत का ऑडियो
- न्यूज़
- Wednesday | 11th September, 2024
धमाका जैसी आवाज की बात सामने आने पर दुर्घटना में साजिश की आशंका भी बढ़ गई थी।
साजिश की आशंका को लेकर सिविल पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी थी।
यद्यपि, रेलवे बोर्ड ने दुर्घटना की भयावहता को संज्ञान में लेते हुए जांच सीआरएस को सौंप दी थी। सीआरएस ने गहन-जांच पड़ताल के बाद प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है।
इस बीच उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त बोगियों के पहियों की जांच के लिए गोंडा रूट पर 35 दिन का ब्लाक भी मांगा था, जिसे रेलवे प्रशासन ने अव्यवहारिक करार देते हुए खारिज कर दिया था। इसके बाद भी उन्होंने इंजन और बोगियों के पहियों की भी गहनता के साथ जांच की।
मौके पर पहुंचकर इंजीनियरिंग, परिचालन, यांत्रिक, विद्युत, संरक्षा और सुरक्षा के संबंधित कर्मियों का बयान लेने के साथ स्थल परीक्षण किया। पलट गई थीं तीन एसी बोगियां, चार यात्रियों की हो गई थी मृत्यु 18 जुलाई, 2024 को पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल स्थित बाराबंकी-गोरखपुर रेल खंड पर गोंडा स्टेशन से लगभग 19 किमी दूर मोतीगंज-झिलाहीं स्टेशन के बीच डाउन लाइन पर 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही 15904 चण्डीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसे भी पढ़ें-यूपी में आज आगरा-गोरखपुर सहित कई जिलों में बारिश का अनुमान, IMD ने किया अलर्ट इंजन से पीछे वाली तीन वातानुकूलित बोगियां पलट गई।
चार यात्री असमय काल के गाल में समा गए।
33 घायल हुए।
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