नहीं बदला गोरखपुर का BRD, अब तक 907 बच्चों ने तोड़ा दम, अकेले मार्च माह में हुई 235 मासूमों की मौत

संक्षेप:

  • बीआरडी मेडिकल कॉलेज बना बच्चों की मौत का काल
  • 2018 में पिछले 5 महीनें में 907 बच्चों ने तोड़ा दम
  • सबसे ज्यादा मार्च के मही नें हुई 235 मासूमों की मौत

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के मामले को लेकर लोगों के जहन में अभी भी डर बना हुआ है। ये आकड़ा कम होने के बजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं। बात करें पिछले 5 महीनों की.. तो अब तक 907 बच्चों की मौत हो चुकी हैं। इसमें कई अव्यवस्थाओं के चलते बच्चों की बीमारियों का सही इलाज ना हो पाना सबसे बड़ा कारण हैं। आकड़ों पर नजर डाले तो इन 5 महीनों में इंसेफेलाइटिस से ग्रस्त 63 बच्चों की मौत हुई। वहीं इस दौरान सबसे अधिक मौतें एनआईसीयू में हुईं। करीब 587 बच्चों की मौत एनआईसीयू में हुई।

आपको बता दें कि ये बच्चे संक्रमण, सांस सम्बन्धी दिक्कतों, कम वजन आदि बीमारियों से पीड़ित थे। जनवरी 2018 से मई तक 5 महीनों में सबसे ज्यादा बच्चों की मौते मार्च में हुई। मार्च में जहां एनआईसीयू में 155 वहीं पीआईसीयू में 80 बच्चे मिला कर कुल 235 बच्चे मर चुके हैं। गौरतलब हैं कि बीआरडी मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग में नवजात शिशुओं को एनआईसीयू और बड़े बच्चों को पीआईसीयू में भर्ती किया जाता है। पीआईसीयू में इंसेफेलाइटिस से ग्रस्त बच्चों को भी इलाज के लिए भर्ती किया जाता है।

जानें, इस साल के हर महीने का आकंडा

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इसके अलावा जनवरी में एनआईसीयू में 89 वहीं पीआईसीयू में 40 बच्चों की मौत हुई यानी जनवरी में कुल 129 बच्चों की मौतें हुई। वहीं फरवरी में एनआईसीयू में 85 वहीं पीआईसीयू में 55 बच्चों की मौत हुई यानी फरवरी में कुल 140 बच्चों की मौतें हुई। मार्च में एनआईसीयू में 155 वहीं पीआईसीयू में 80 बच्चों की मौत हुई यानी मार्च में कुल 235 बच्चों की मौतें हुई। अप्रैल में एनआईसीयू में 118 वहीं पीआईसीयू में 68 बच्चों की मौत हुई, अप्रैल में कुल 186 बच्चों की मौत हुई। मई में एनआईसीयू में 120 वहीं पीआईसीयू में 62 बच्चों की मौत हुई, मई में कुल 182 बच्चों की मौतें हुई। जून महीने में केवल एक हफ्ता ही बीता हैं और इन 7 दिनों में ही 35 बच्चों की मौत हो चुकी हैं। इनमें एनआईसीयू में 20 और पीआईसीयू में 15 बच्चों की अब तक मौत हो चुकी हैं।

पिछले साल 2017 में 5 महीनों में बच्चों की मौत:

पिछले साल इन् मौतों का आकड़ा बहुत ज्यादा था। इन्हीं 5 महीनों के आकड़ों को उठाया जाए तो वर्ष 2017 में पांच महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, और मई में 993 बच्चों की मौत हुई थी। इसमें 642 एनआईसीयू में और 351 पीआईसीयू में भर्ती थे। इसके अलावा जनवरी में एनआईसीयू में 143 वहीं पीआईसीयू में 67 बच्चों की मौत हुई, जनवरी में कुल 210 बच्चों की मौत। फरवरी में एनआईसीयू में 117 वहीं पीआईसीयू में 63 बच्चों की मौत हुई, फरवरी में कुल 180 बच्चों की मौत। मार्च में एनआईसीयू में 141 वहीं पीआईसीयू में 86 बच्चों की मौत हुई, मार्च में कुल 227 बच्चों की मौत। अप्रैल में एनआईसीयू में 114 वहीं पीआईसीयू में 72 बच्चों की मौत हुई, अप्रैल में कुल 186 बच्चों की मौत। मई में एनआईसीयू में 127 वहीं पीआईसीयू में 63 बच्चों की मौत हुई, मई में कुल 190 बच्चों की मौत।

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