BRD News: नई तकनीक से पता किए जाएंगे कुष्ठ के सटीक कारण, उपचार करेगा खात्मा

विशेषज्ञों के अनुसार, कुष्ठ सिर्फ त्वचा की बीमारी नहीं है, यह नसों को भी प्रभावित करती है।

इससे रोगी के अंगों में सुन्नता, कमजोरी, विकृति और कभी-कभी स्थायी अपंगता हो सकती है।

इसलिए विभिन्न नसों की दो आधुनिक तकनीकों- नर्व कंडक्शन स्टडी व हाई रिजूलेशन अल्ट्रासाउंड से जांच की गई। इस क्षेत्र में इस विषय पर यह अपनी तरह का अनोखा प्रयोग रहा।

इस अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि क्लिनिकल एसेसमेंट (दबाकर देखना, सुई चुभोकर देखना, नसों की मोटाई का आंकलन करना आदि) से ज्यादा सटीक परिणाम इन दो नई तकनीकों से मिले। नर्व कंडक्शन स्टडी व हाई रिजूलेशन अल्ट्रासाउंड की मदद से कुष्ठ की पहचान प्रारंभ में ही हो सकती है।

क्योंकि कुष्ठ शुरू होने के साथ ही नसों की क्षति शुरू हो जाती है।

प्रारंभ में पता चल जाने से बहुत आसानी से इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।

-डा. राजकुमार, अध्यक्ष चर्म रोग विभाग, बीआरडी मेडिकल कॉलेज इन दोनों नई विधियों के प्रयोग से रोग की प्रारंभ में ही पहचान कर रोगी को इस रोग की जटिलताओं से बचाया जा सकता है।

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