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Flood in Gorakhpur: व्यवस्था पर उठ रहा सवाल, शिक्षा ग्रहण के लिए नाव पर नौनिहाल
- न्यूज़
- Sunday | 14th July, 2024
 
										
																			
									इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में दिनदहाड़े होटल संचालक के कर्मचारी की हत्या, वारदात के आरोपितों ने किया सरेंडर उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र ओझा का कहना है कि जिन स्कूलों में बच्चों को नाव से पढ़ने जाना पड़ रहा है, उनके प्रबंधन को गंभीरता दिखानी चाहिए।
उन्हें बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए फिलहाल स्कूल बंद कर देना चाहिए, जिससे बच्चों जीवन खतरे में न पड़े। गुरु कृपा संस्थान के संस्थापक महासचिव बृजेश राम त्रिपाठी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं।
उनका कहना है कि प्रशासन को तत्काल प्रभाव से ऐसे विद्यालयों को चिह्नित कर छुट्टी करानी चाहिए।
वरना, कभी भी नाव पलटने के चलते बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
संस्था के द्वारा इस संबंध में जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर उचित कदम उठाने की मांग की जाएगी। डीएम कृष्णा करूणेश ने कहा कि बाढ़ग्रस्त इलाकों के परिषदीय स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
ऐसे निजी स्कूल जो बंद नहीं हैं और वहां जाने के लिए बच्चों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है उन्हें बंद करने को लेकर बीएसए को निर्देशित किया गया है।
यदि विद्यालय प्रबंधन निर्देश का अनुपालन नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ।
 
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