Railway News: ट्रेनों की ढाल बनेगा रेलवे का `कवच`, 100 करोड़ का एस्टीमेट तैयार

पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख रेलमार्गों पर आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लगाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का कार्य पहले से स्वीकृत है।

लखनऊ-गोरखपुर-छपरा, छपरा-बनारस-प्रयागराज, सीतापुर-बुढ़वल 875 रूट किमी रेलमार्ग पर सिस्टम लगाने की स्वीकृति मिल चुकी है। वर्ष 2025 तक सभी रूटों पर सिस्टम लगाने का लक्ष्य है।

प्रथम चरण में गोरखपुर के रास्ते चुरेब से चौरी चौरा स्टेशन तक आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम लग गया है।

जल्द ही इस रूट पर कवच प्रणाली भी लगनी शुरू हो जाएगी। आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम और कवच प्रणाली लग जाने के बाद स्टेशनों पर केंद्रीयकृत यातायात नियंत्रण प्रणाली (सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम या सीटीसी) भी कार्य करने लगेगी।

गोरखपुर आदि जंक्शन और बड़े स्टेशनों से ट्रेनें कंट्रोल होने लगेंगी।

स्टेशनों से रूट रिले इंटरलाकिंग (आरआरआई) पैनल सिस्टम समाप्त हो जाएंगे। इसे भी पढ़ें-IIT कानपुर के छात्र ने पुलिस पर लगाया अभद्रता का आरोप, सोशल मीडिया पर बयां की पूरी कहानी एमएमयूटी के छात्र भी पढ़ेंगे स्वदेशी कवच प्रणाली भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान (इरिसेट) ने स्वदेशी स्वचालित ट्रेन संरक्षण प्रणाली तैयार की है।

इरिसेट और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमयूटी) ने शैक्षणिक-उद्योग सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए कवच प्रणाली को लेकर समझौता ज्ञापन पर अहम करार (एमओयू) किया है।

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