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UP के इस शहर में वर्षा जल की बर्बादी पड़ेगी भारी, कार्रवाई की तैयारी
- न्यूज़
- Friday | 27th June, 2025

, गोरखपुर।
वर्षा जल संचयन प्रणाली (वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम) की अनदेखी अब भारी पड़ेगी।
प्रणाली स्थापित नहीं करने वाले बड़ी इमारतों के मालिकों को कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
वर्षा जल के संचयन को लेकर शासन के निर्देश पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने सख्ती शुरू कर दी है। पिछले पांच साल यानी वर्ष एक जनवरी 2020 से अभी तक महानगर में 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में निर्मित हुईं इमारतों की प्राधिकरण ने सूची तैयार की है।
इस सूची में 437 निर्माण चिह्नित किए गए हैं।
यहां वर्षा जल संचयन प्रणाली लगी है या नहीं इसके भौतिक सत्यापन के लिए सहायक अभियंता राज बहादुर सिंह, ज्योति राय, अजय कुमार पांडेय और संजीव कुमार तिवारी के नेतृत्व में अवर अभियंता और नोटिस सर्वरों की टीम गठित की गई है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन के निर्देश पर प्रभारी अभियंता किशन सिंह ने टीम को सात दिन के भीतर सत्यापन कर यह रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है कि कितनी इमारतों में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की गई है और कितने में नहीं।
इसके बाद नोटिस जारी कर सभी को प्रणाली स्थापित करने का मौका दिया जाएगा।

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