- होम >>
UP News: चूहे खाकर पचा गए सैकड़ों मौतों का रहस्य, अधिकारी एक दूसरे को बता रहे जिम्मेदार
- न्यूज़
- Friday | 20th September, 2024

पुलिस द्वारा बरामद लावारिस शव का पहचान नहीं होने पर पहले तो नियमानुसार 72 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराया जाता है।
इसके बाद उसका सैंपल पुलिस इसलिए भी रखवाती है कि अगर शव का पहचान करते हुए कोई आ जाए और हत्या का आरोप लगाए तो विसरा की जांच से पुष्टि कराई जा सके। विसरा में रखे जाते शरीर के पांच अंगों के हिस्से विसरा के लिए चिकित्सक शरीर के पांच अंगों के हिस्से को सैंपल के रूप में रखते हैं।
इसमें से लीवर, प्लीहा, आमाशय, छोटी आंत और किडनी को रखा जाता है।
इसकी जांच कर मृत्यु का कारण और समय का पता लगाया जाता है। जरूरत के अनुसार पुलिस या स्वास्थ्य विभाग की टीम शरीर के अन्य अंगों को भी सैंपल के रूप में रख सकती है।
स्वास्थ्य महकमा का कहना है कि सैंपल को एक केमिकल में रखा जाता है, इससे वो खराब नहीं होते हैं। इसे भी पढ़ें-सरयू की बाढ़ में बहा राष्ट्रीय राजमार्ग-31, बलिया-छपरा का संपर्क टूटा सीएमओ डा. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में विसरा के लिए रखे गए सैंपल के रखरखाव और ले जाने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है।
चिकित्सक पोस्टमार्टम करते समय सैंपल निकालते हैं और पुलिस को शव सिपुर्द करते समय सैंपल भी दे दिया जाता है।
पोस्टमार्टम हाउस में रखे सैंपल में किसकी जरूरत पुलिस को नहीं है किसकी जरूरत है, इसकी रिपोर्ट अगर मिल जाए तो वह नियमानुसार निष्प्रयोज्य विसरा को नष्ट करा देंगे। ।

If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
अन्य गोरखपुर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।
डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।