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गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों पर भी नहीं चलना पड़ेगा पैदल, 498 करोड़ रुपये से हो रहा पुनर्विकास
- न्यूज़
- Thursday | 11th July, 2024
 
										
																			
									ट्रैवलेटर भी एस्केलेटर (स्वचालित सीढी) की तरह होता है।
एस्केलेटर ऊपर चढ़ने के लिए उपयोग में लाया जाता है, जबकि ट्रैवलेटर समतल फर्श पर लगता है, जो यात्री को स्वचालित सीढी की तरह बिना पैदल चले गंतव्य तक पहुंचा देता है। इसे भी पढ़ें-यूपी के इस शहर में बिजली बिल बढ़ा रहा लोगों की धड़कनें, कनेक्शन लेने में बैठ रहा दिल मनमाफिक खरीदारी भी कर सकेंगे।
निर्माण कार्य आरंभ हो गया है।
शुरुआत में प्लेटफार्म नंबर एक पर बंद पड़े बीच वाले एफओबी के पास पश्चिम तरफ नया एफओबी बनेगा।
रेलवे प्रशासन ने प्राथमिकता के आधार पर नया एफओबी बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्लेटफार्म एक स्थित मुख्य गेट पर बीच वाला एफओबी 16 सितंबर 2023 से ही बंद हैं।
तीन साल में गोरखपुर जंक्शन का कायाकल्प हो जाएगा।
सात जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुनर्विकास की आधारशिला रखी थी। इसे भी पढ़ें-प्रदेश में वज्रपात से 52 की मौत, उमस ने ढाया कहर, आज से 40 जिलों में फिर रफ्तार पकड़ेगा मानसून ऐसे तैयार होगा गोरखपुर जंक्शन - 17900 वर्ग मीटर में होगा मुख्य स्टेशन भवन का निर्माण। - 7400 वर्ग मीटर में होगा द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण। - 10,800 वर्ग मीटर में बनेगा रूफ प्लाजा। - 300 वर्ग मीटर में टिकट खिड़कियां बनाई जाएंगी। - 6,300 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा वेटिंग एरिया। - 3,500 व्यक्ति एक साथ बैठ कर कर सकेंगे प्रतीक्षा। - 1, 80000 यात्री जंक्शन से रोज कर सकेंगे आवागमन। पूर्वोत्तर रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के अन्तर्गत रेलवे स्टेशन पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
 
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