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साजिश: भारतीय युवाओं से ही साइबर अपराध करा रहा चीन, NIA ने खोज निकाला `मास्टरमाइंड` का पता
- न्यूज़
- Wednesday | 4th September, 2024
एनआइए से जानकारी मिलने के बाद गोरखपुर पुलिस बिजेंद्र सिंह की तलाश में जुटी है।
साथ ही यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि अभी तक उसने कितने लोगों को बाहर भेजा है।
मामला सामने आने के बाद खुफिया एजेंसी भी मामले की जांच कर रही है। गहरी हैं नौकरी के नाम पर मानव तस्करी करने वाले गिरोह की जड़ें नौकरी के नाम पर युवाओं को विदेश भेजने और लाओस में चीनी सिंडिकेट के सक्रिय होने का मामला सामने आने के बाद खुफिया एजेंसी के होश उड़ गए हैं।
मामले की छानबीन करने के साथ ही विदेश भेजने वाले एजेंटों की निगरानी शुरू हो गई है।
इससे पहले वर्ष 2009 में 36 नेपाली नागरिकों का गोरखपुर के पते पर पासपोर्ट बनवाकर विदेश भेजने का मामला सामने आया था। चार वर्ष चली जांच के बाद कैंट व शाहपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई।
वर्ष 2005 से 2009 के बीच शहर के कूड़ाघाट, शाहपुर के पते पर नेपाली मूल के लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था।
इसमें पुलिस, एलआइयू के वेरीफिकेशन के बाद 36 लोगों को पासपोर्ट मिला था। भारत-नेपाल मैत्री समाज के तत्कालीन अध्यक्ष रहे मोहन लाल गुप्ता (अब दिवंगत) ने 2009 में अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर फर्जी पते पर नेपाली नागरिकों के पासपोर्ट बनने की शिकायत की थी।
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