हरिद्वार भी कैश की कमी से परेशान, ये हैं कारण

संक्षेप:

  • हरिद्वार में कैश की किल्लत
  • कैश की कमी के क्या हैं कारण?
  • RBI का ये है कहना

हरिद्वार: देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से कैश की भारी किल्लत देखने को मिली है. कुछ ऐसा ही हाल हरिद्वार में भी है जहां लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

आइये जानते हैं कैश की कमी के कारण क्या हैं? 

1. फाइनेंस रेज्यूलूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (FRDI) बिल, 2017 के आने की अफवाह उड़ी. देश के कई हिस्सों में इसके आने की सुगबुगाहट हुई. अफवाह यह भी उड़ी कि इस बिल के कानून बनने से बैंकों में जमा किया पैसा सुरक्षित नहीं रहेगा. सरकार ने इसका खंडन किया, लेकिन लोग एटीएम और बैंकों से अपना पैसा निकालने दौड़ पड़े.

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2. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने पीएनबी को जो चूना लगाया. वह डर लोगों को मन में बैठ गया है. हर कोई अपनी मेहनत की कमाई को घोटाले में डूब जाने के डर से पैसा निकाल रहा है. लोगों की नजर में बैंकिंग सिस्टम फेल हो रहा है. बैंकों से भरोसा उठने की वजह से लोग कैश डिपॉजिट करने से बचने लगे हैं. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इसी डर से लोगों ने पैसा निकालने शुरू किए और एक के बाद एक एटीएम खाली होते गए.

3. आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग के मुताबिक, 2000 रुपए के नोटों की कमी आई है, लेकिन काला धन जमा होने की आशंका नहीं है. `अभी सिस्टम में 2000 रुपए के 6 लाख 70 हजार करोड़ नोट हैं. हालांकि, 2000 रुपए के नोट का सर्कुलेशन घटा है. लेकिन, अनुमान यह है कि बड़े नोट जमा करने में आसानी होती है. इसलिए लोग बचत की रकम 2000 रुपए के नोटों में ही जमा कर रहे हैं.

4. आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग ने कुछ हिस्सों में नोटों की कमी को कमोबेश स्थानीय प्रबंधन से उपजी समस्या करार दिया. उन्होंने बताया, `देश में 4 हजार करंसी चेस्ट हैं. वहीं पैसे आते हैं, रखे जाते हैं और वहां से वितरित होते हैं. इसलिए, हर चेस्ट की मॉनिटरिंग हो रही है. जिस चेस्ट में कैश की कमी हो रही होगी, वहां पर्याप्त कैश पहुंचाया जाएगा.`

4. एससी गर्ग के मुताबिक, कुछ हिस्सों में नोटों की कमी को स्थानीय प्रबंधन की खामियों की वजह से उपजी है. उन्होंने बताया, देश में 4 हजार करंसी चेस्ट हैं. वहीं पैसे आते हैं, रखे जाते हैं और वहां से वितरित होते हैं. इसलिए, हर चेस्ट की मॉनिटरिंग हो रही है. जिस चेस्ट में कैश की कमी हो रही होगी, वहां पर्याप्त कैश पहुंचाया जाएगा.

5. एटीएम खाली होने का एक कारण बैंक जमा में वृद्धि दर में गिरावट भी है. वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक डिपॉजिट ग्रोथ घटकर 6.7% पर आ गई जो साल 2016-17 के दौरान 15.3% रही थी. इसके उलट बैंकों से पैसे ज्यादा निकले. वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक क्रेडिट में 8.2% की वृद्धि दर्ज की गई थी जो 2017-18 में बढ़कर 10.3 प्रतिशत रही.

6. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि अचानक नोटों की कमी का कारण किसानों को भुगतान की रकम बढ़ना भी है. उन्होंने कहा कि हालांकि यह कोई नई बात नहीं है. एक विभाग इस तरह के मामलों पर नजर रखता है.

RBI का ये है कहना

1- जहां कमी वहां नक़द भेजने का निर्देश
2- सरप्लस कैश रखने वाले बैंकों को निर्देश
3- कैश की मांग बढ़ी
4- डिमांड-सप्लाई का अंतर बढ़ा
5- ATM से ट्रांज़ैक्शन बढ़ा
6- अब 3000 की जगह 5000 औसत निकासी
7- देवास में नोटों की छपाई कुछ दिन रुकी
8- कर्मचारी पैसे चुराते पकड़ा गया था
9- नोटबंदी के पहले 17.74 लाख करोड़ बाज़ार में थे और अब 18.04 लाख करोड़ बाज़ार में
10- चुनाव के लिए जमा की जा रही नक़दी

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