सावन का महीना आज से शुरू, जानिए क्या है इसकी मान्यताएं

संक्षेप:

  • सावन का महीना आज से शुरू
  • कनखल को माना जाता है भगवान शिव का ससुराल
  • जानिए क्या है मान्यताएं

हरिद्वार: सावन का महीना आज से शुरू हो गया है। इस मौके पर मंदिर के घंटे घड़ियाल की आवाज भी गूंजने लगी है। सावन मास को भगवान शिव का माह माना जाता है।

ऐसा कहा जाता है ससुर को दिया वचन निभाने के लिए भगवान शिव शंकर आज कैलाश से हरिद्वार कनखल आते हैं। भगवान शिव का ससुराल कनखल को ही माना जाता है।

पुराणों के अनुसार सावन के इस पवित्र महीने में ब्रह्मपुत्र राजा दक्ष और सृष्टि नियंता भगवान शंकर के बीच भले ही जीवन भर साम्य न रहा हो, लेकिन भोले भंडारी राजा दक्ष को दिया वचन निभाने के लिए कैलाश से उतकर आज के दिन कनखल नगरी आते हैं। माना जाता है कि एक महीने तक वे दक्ष मंदिर में स्वयं शिवत्व त्यागकर दक्षेश्वर बन जाएंगे।

ये भी पढ़े : श्रीकेदारनाथ के कपाटोद्घाटन की तिथि व समय हुई तय, 6 मई को सुबह ठीक इतने बजे खुलेंगे कपाट


दूसरी मान्यता है कि आदिकाल में समुद्र मंथन के बाद जो विष निकला था भगवान भोले नाथ कालकूट विष की ज्वाला को शांत करने के लिए कैलाश पर्वत छोड़ एकांत और शीतल स्थान की तलाश में निकल पड़े।

हिमालय में विचरण करते हुए महादेव मणिकूट पर्वत पर पहुंचे। यहां भगवान शिव ने मधुमति और पंकजा जलधाराओं के संगम पर अज्ञातवास में 60 हजार वर्ष तक समाधि की स्थिति में लीन होकर होकर विष की ज्वाला को शांत किया।

बताया जाता है कि  कालांतर में यही स्थान पौड़ी जनपद के यमकेश्वर विकासखंड में श्री नीलकंठ महादेव के नाम से विख्यात है।  जिसका स्कंदपुराण, केदारखंड और शिवपुराण आदि धर्मग्रंथों में जिक्र मिलता है।

इस महीने में सोमवार के व्रत का खास महत्तव है। माना जाता है इससे जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।  मान्यता है विवाहित औरतों को इस महीने में सोमवार व्रत रखने पर सौभाग्य वरदान मिलता है। इस महीने के पहले सोमवार से 16 सोमवार व्रत की शुरुआत भी की जाती है। सावन भगवान शिव की पूजा करने का सबसे उत्तम महीना माना जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि सावन भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता है। इसके पीछे की मान्यता है कि दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जीया। उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया।

पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोर तप किया। जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था, जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया है।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Haridwar की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles