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दुल्हन बन स्कूल पहुंची 9वीं और 10वीं में पढ़ने वालीं दो बहनें, देखकर सब हुए हैरान, अब सामने आया सच
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- Monday | 29th July, 2024

नेता का तर्क- समय से पहले आ रहा यौवन भाजपा नेता दीक्षांत सोनी का कहना है कि बाल विवाह के लिए खान-पान की आदतों के साथ बदलते पर्यावरण को भी जिम्मेदार ठहराया, जिसके कारण लड़के और लड़कियों में समय से पहले यौवन आ रहा है।
उनका कहना है कि लड़कियां और लड़के जल्दी परिपक्व हो जाते हैं और किसी और के साथ भागकर माता-पिता को अपमानित करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन होते हैं अधिक बाल विवाह सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक भैरू प्रकाश नागर ने हिंडोली गांव में बाल विवाह होने की जानकारी से इंकार कर दिया है।
उनका कहना है कि अक्षय तृतीया के दिन और उसके आसपास अक्सर बाल विवाह होते हैं।
अक्षय तृतीया को राजस्थान में आखा तीज और पीपल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
स्थानीय पुलिस उपाधीक्षक घनश्याम मीना ने बाल विवाह की खबरों से इंकार कर दिया। शिक्षकों ने कई मामलों का किया खुलासा कई शिक्षकों ने खुलासा किया कि बाल विवाह के सिर्फ ये दो ही मामले नहीं हैं।
एक शिक्षक के मुताबिक हिंडोली के सुखपुरा गांव में कक्षा सात की एक लड़की की पिछले साल कक्षा नौ के लड़के से सगाई हुई थी।
एक अन्य कक्षा सात की लड़की की पिछले साल शादी हुई थी।

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