AC का तापमान 18 और शहर का 44 डिग्री, शरीर कैसे करेगा बर्दाश्त? दिमाग पर असर के साथ इसके और भी कई खतरे

वहीं, एसी में ज्यादा समय तक रहने के कारण शरीर में निर्जलीकरण की समस्या हो सकती है।

साथ ही ये आंखों, सांस की समस्याओं और मेटाबाॅलिक सेहत को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।

चर्म रोग की समस्याएं भी बढ़ गई है। शहर में सिक बिल्डिंग सिंड्रोम का खतरा ब्रह्मानंद नरायणा अस्पताल के न्यूरो फिजिशियन डा. अरुण कुमार कहते हैं कि लोग एसी तो लगाते हैं, लेकिन उसका तरीका उन्हें नहीं मालूम होता है।

उन्होंने कहा कि एसी वाली जगहों पर वेंटिलेशन यानी हवा के आने-जाने की अच्छी व्यवस्था भी जरूरी होनी चाहिए।

खराब वेंटिलेशन वाली जगहों पर एसी के कारण सिक बिल्डिंग सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है।

इसमें सिरदर्द, सूखी खांसी, चक्कर आने, मतली, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

एसी में रहने से बढ़ी ये बीमारियां शहर के अस्पतालों में इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

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