Jamshedpur: कोयला ब्लॉक रद होने पर टाटा स्टील ने मांगा 757 करोड़ का मुआवजा, जानें क्या है पूरा मामला

कोर्ट ने उन्हें भविष्य में नई याचिका दायर करने की इजाजत दी थी।

अब टाटा स्टील ने 757.1 करोड़ रुपये और ब्याज की मांग के साथ नई याचिका दायर की है।

अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी। भूषण स्टील का टाटा स्टील में विलय2018 में टाटा स्टील ने अपनी सहायक कंपनी बामनीपाल स्टील के जरिए भूषण स्टील को 35 हजार 200 करोड़ रुपये में खरीदा।

यह सौदा दिवालिया प्रक्रिया के तहत हुआ, जिसमें टाटा स्टील ने भूषण स्टील के वित्तीय लेनदारों को 35 हजार 200 करोड़ रुपये और परिचालन लेनदारों को 12 सौ करोड़ रुपये का भुगतान किया। नवंबर 2021 में भूषण स्टील का टाटा स्टील में विलय हो गया।

अब टाटा स्टील इस खदान से जुड़े पुराने अधिकारों और मुआवजे की मांग कर रही है। कानून क्या कहता है?2015 में बने कोल माइंस (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट के तहत, अगर किसी खदान का आवंटन रद होता है, तो पुराने मालिक को नए मालिक से खदान के विकास में खर्च की गई राशि का मुआवजा मिलना चाहिए।टाटा स्टील का दावा है कि उसने खदान के विकास में काफी निवेश किया था, जिसका मुआवजा उसे अब तक नहीं मिला।

कंपनी ने कोर्ट से इस राशि के साथ ब्याज की भी मांग की है। आगे क्या होगा?दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को करेगा।

टाटा स्टील को उम्मीद है कि कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देगा और उन्हें मुआवजा मिलेगा।यह मामला न केवल टाटा स्टील के लिए, बल्कि कोयला खदान आवंटन से जुड़े अन्य मामलों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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