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Tata Steel: शहरी कचरे से बना चारकोल, इस्पात के उत्पादन में कम होगा 50 हजार टन कार्बन उत्सर्जन
- न्यूज़
- Thursday | 19th June, 2025
इस नई तकनीक से प्रति टन इस्पात निर्माण में करीब तीन टन कार्बन उत्सर्जन की कमी हुई है।
वहीं फेरो एलाय मिनरल्स रिसर्च टीम ने एक वैकल्पिक विधि भी विकसित की है, जो सल्फर को रिडक्टेंट के रूप में इस्तेमाल करती है।
इससे कुल मिलाकर इस्पात के उत्पादन के दौरान 40 प्रतिशत तक कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है। टाटा स्टील ने कोयले जैसे कार्बन उत्सर्जक ईंधन के बदले बायोचार का इस्तेमाल शुरू किया है और हमें इसमें सफलता भी मिली है।
यह पहल इस्पात निर्माण के क्षेत्र में वैकल्पिक ईंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- राजीव मंगल, वाइस प्रेसिडेंट, सेफ्टी, हेल्थ एंड सस्टेनबिलिटी, टाटा स्टील ।
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