राजस्थान : कुटुंब अदालत ने एक साल की उम्र में ब्याही गई लड़की का विवाह रद्द किया

जोधपुर, आठ सितंबर (भाषा) राजस्थान के जोधपुर की एक कुटुंब अदालत ने एक साल की उम्र में ब्याही गई 21 वर्षीय युवती का विवाह रद्द कर दिया है।

युवती पर इस विवाह को बरकरार रखने का दबाव बनाया गया था, लेकिन उसने झुकने से इनकार करते हुए एक गैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) से संपर्क किया।

इसके बाद एनजीओ ने कुटुंब अदालत का रुख किया।

एनजीओ ‘सारथी ट्रस्ट’ की प्रबंध ट्रस्टी कीर्ति भारती ने बताया कि रेखा नामक युवती के दादा के निधन के बाद एक वर्ष की आयु में गांव के एक लड़के से उसका विवाह कर दिया गया था।

भारती ने कहा, “युवती के ससुराल वालों ने कुछ साल पहले उस पर "गौना" के लिए दबाव डाला।

वह तब एएनएम बनने की तैयारी कर रही थी और नहीं चाहती थी कि उसका यह सपना टूट जाए।

इसलिए, उसने इस विवाह को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।”

इसके बाद युवती के ससुराल वालों ने एक जाति पंचायत की व्यवस्था की और उसके परिवार को 10 लाख रुपये का नकद जुर्माना देने को कहा।

बृहस्पतिवार को कुटुंब अदालत के पीठासीन अधिकारी प्रदीप कुमार मोदी ने विवाह को रद्द करने का आदेश दिया।

उन्होंने अपने आदेश में कहा, “एक सदी से बाल विवाह की बुराई खत्म नहीं की जा सकी है।

अब सभी को मिलकर बाल विवाह को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए।”

अदालत के आदेश के बाद उत्साहित रेखा ने कहा कि यह एक सपने के सच होने जैसा है।

उसने कहा कि अब वह एक सहायक परिचारिका (एएनएम) बनने पर ध्यान देगी।

रेखा ने ट्रस्ट का आभार जताते हुए कहा, “आज मेरा जन्मदिन है।

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