राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की जरूरत: कल्ला

जोधपुर, 29 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के मंत्री बी. डी. कल्ला ने शनिवार को कहा कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाना चाहिए।

शिक्षा, कला, संस्कृति और पुरातत्व मंत्री कल्ला ने कहा कि राज्य विधानसभा पहले ही आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची में राजस्थानी को शामिल करने के लिए एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर चुकी है, लेकिन केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने अभी तक इसे आधिकारिक दर्जा नहीं दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि केंद्र इस पर क्यों दबाये बैठा है... लेकिन अब समय आ गया है कि लोग (राजस्थान के) ‘मान्यता नहीं, वोट नहीं’ का संकल्प लेकर एकजुट हों।’’

उन्होंने लोगों से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा का बहिष्कार करने का आग्रह किया।

मंत्री ने कहा कि राजस्थानी दुनियाभर में 10 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है और इसलिए, भाषा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

कल्ला जोधपुर में राजस्थानी साहित्य, संगीत, गीत, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए रेख्ता फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम ‘अंजस महोत्सव’ को संबोधित कर रहे थे।

भाषा देवेंद्र माधव

माधव

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