टेनरी कब्जा बवाल की जांच अब करेगी क्राइम ब्रांच, मामले में अभी बाकी है कई बड़े आरोपियों की गिरफ्तारी

संक्षेप:

  • टेनरी कब्जा बवाल की जांच अब करेगी क्राइम ब्रांच।
  • मामले में अभी बाकी है कई बड़े आरोपियों की गिरफ्तारी।
  • मुख्य साजिशकर्ता नहीं हो सके बेनकाब।

कानपुर. कानपुर में शालीमार टेनरी पर कब्जे को लेकर हुए बवाल के केस की विवेचना अब क्राइम ब्रांच करेगी। उच्चाधिकारियों ने विवेचना जाजमऊ पुलिस से ट्रांसफर कर क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल विवेचक तय करेंगे। मामले में अभी कई बड़े आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है।

दोनो पक्षों में जमकर हुई मारपीट व पथराव

जाजमऊ में शहनाज व उनके भतीजे आमिर का टेनरी पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा है। 13 जुलाई की शाम को शहनाज की तरफ से पूर्व भाजपा नेता नारायण सिंह भदौरिया, बदमाश रॉकी यादव समेत दर्जनों लोग वहां पहुंचे थे। आमिर की तरफ से भी लोग इकट्ठा थे। दोनों पक्षों में जमकर मारपीट व पथराव हुआ था। पुलिस ने वादी बनकर केस दर्ज किया था। नारायण सिंह भदौरिया समेत सात आरोपियों को जेल भेजा गया था। तब से विवेचना लगभग ठप पड़ी है। अब यह केस क्राइम ब्रांच ट्रांसफर किया गया है। जिससे विवेचना बेहतर ढंग से हो सके।

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मुख्य साजिशकर्ता नहीं हो सके बेनकाब

दरअसल, टेनरी को लेकर हुए बवाल के पीछे जाजमऊ के दो नामचीन लोग शामिल थे। शहनाज से उन्होंने टेनरी खरीदने की डीली की थी। टेनरी कब्जा मुक्त कराने का ठेका साजिश के तहत दिया गया था। तीन महीने बीत चुके हैं लेकिन मुख्य साजिशकर्ता बेनकाब नहीं हो सके। इसके पीछे की वजह ये है कि इन नामचीन लोगों के पुलिस अफसरों से गहरे संबंध रहे हैं। एक पूर्व पुलिस कमिश्नर का आनाजाना भी था। फोटो भी वायरल हुए थे।

पुलिस पर रॉकी यादव को बचाने का लग रहा आरोप

शातिर रॉकी यादव पर कई केस दर्ज हैं। वह हिस्ट्रीशीटर को फरार कराने में भी शामिल रहा था। टेनरी कब्जा बवाल में भी उसके वीडियो वायरल हुए थे। तीन महीने से अधिक का समय बीतने के बावजूद उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पूर्वी क्षेत्र का एक इंस्पेक्टर, शहर के एडीसीपी उसको बचाने की हर एक जद्दोजहद कर रहे हैं।

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