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UP News: कानपुर IIT में गन्ने के छिलके से बनाया इलेक्ट्रोड, घटाएगा प्लास्टिक प्रदूषण
- न्यूज़
- Monday | 23rd September, 2024
शोध टीम के अनुसार गन्ने के छिलके को भविष्य में स्क्रीन प्रिंटेड इलेक्ट्रोड के लिए सबस्ट्रेट का स्थायी विकल्प बनाया जा सकता है।
गन्ने की उपलब्धता पूरी दुनिया में प्रचुर मात्रा में है और हर साल उत्पादन हो रहा है।
गन्ने के छिलके पर तैयार इलेक्ट्रोड की जांच की गई तो इसे 25 से 55 डिग्री तापमान पर उपयुक्त पाया गया है। आईआईटी में स्थित नेशनल फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रानिक्स सेंटर में गन्ने के छिलके पर स्क्रीन प्रिंटिग का काम किया गया है लेकिन यह देखा गया है कि इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर फैक्ट्रियों की असेंबली लाइन पर एक साथ किया जा सकता है। इसे भी पढ़ें-पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यहां पिंडदान नहीं, शिवलिंग करते हैं दान इसका प्रयोग सोना, चांदी या कार्बन इलेक्ट्रोड के लिए भी करके देखा गया है और नतीजे पूरी तरह से अनुकूल रहे हैं।
इससे भविष्य में स्पेस टेक्नोलाजी, मोबाइल फोन या अन्य उपकरणों में स्क्रीन प्रिंटेड इलेक्ट्रोड के तौर पर भी इसका प्रयोग किया जा सकेगा। आईआईटी कानपुर प्रो. सिद्धार्थ पाण्डा ने बताया कि गन्ने के छिलके की सतह का प्रयोग स्क्रीन प्रिंटेड इलेक्ट्रोड के विकास में किया गया है।
गन्ने की उपलब्धता हमेशा रहने वाली है और खराब होने पर यह प्राकृतिक तौर पर अपने आप नष्ट हो जाएगा।
इससे प्रदूषण की समस्या भी नहीं होगी।
प्रयोगशाला परीक्षण के साथ यह भी पाया गया है कि इसका उत्पादन फैक्ट्री स्तर पर आसानी से किया जा सकता है। ।
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