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UP News: धोखाधड़ी में तीन बैंक अफसरों को तीन-तीन साल की सजा, 20 साल पहले CBI ने दर्ज किया था मुकदमा
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- Thursday | 2nd May, 2024
, कानपुर।
धोखाधड़ी के बीस साल पुराने मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने पंजाब एंड सिंध बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित तीन को दोषी करार दिया है।
अदालत ने बैंक अफसरों को तीन-तीन वर्ष के कठोर कारावास और 5.40 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।
सीबीआई ने 28 सितंबर 2004 को पंजाब एंड सिंध बैंक, गड़रियन पुरवा शाखा में कार्यरत तत्कालीन शाखा प्रबंधक गुरचरण सिंह व जेपी गुप्ता के साथ एक अन्य बैंक अधिकारी रामनाथ आर्य के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से खेला गया खेल बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से कानपुर की एक निजी कंपनी के मालिक के साथ षड्यंत्र करके चालू खाता खोला गया।
इसके बाद वाराणसी और गोरखपुर से जारी किए गए 28 जाली आईबीआर की मदद से उक्त खाते में 66.89 लाख रुपए जमा किए गए। तीनों बैंक अधिकारियों को सुनाई गई सजा जांच के बाद सीबीआई ने तीनों बैंक अधिकारियों के खिलाफ 25 जुलाई 2007 को सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
लंबी चली सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश सीबीआई, लखनऊ ने तीनों बैंक अधिकारियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। यह भी पढ़ें: कानपुर में झकरकटी और रावतपुर बस अड्डा होंगे शिफ्ट, नहीं चलेंगी सिटी बसें; इस वजह से लिया गया बड़ा फैसला यह भी पढ़ें: मुख्तार बाबा की 19 करोड़ रुपये की संपत्तियां चिह्नित, आज पुलिस करेगी जब्ती की कार्रवाई; दर्ज है गैंगस्टर का मुकदमा ।
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