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AQI Index: सुतली बम और सरकपताली से इलाका धुआं-धुआं, लखनऊ की प्रदूषित हवा में सांस लेना दूभर
- न्यूज़
- Friday | 1st November, 2024
472 तक पहुंच गया था प्रदूषक कण का स्तरगुरुवार को दोपहर तीन बजे तक पीएम 2.5 स्तर के प्रदूषक कण का स्तर 105 था, जो रात 11 बजे तक 472 पर पहुंच गया।
शोर शराबा थमने के बाद रात के समय इसके स्तर में गिरावट आई।
शुक्रवार सुबह पांच बजे तक पीएम 2.5 स्तर के प्रदूषक कण का स्तर 177 पर पहुंचा, लेकिन इसके बाद फिर से इसमें इजाफा होने लगा। आतिशबाजी से निकलने वाला धुआं, सल्फर, नाइट्रेट्स और अन्य विषैले कण मिलकर हवा की गुणवत्ता को और बिगाड़ देते हैं, जिससे अस्थमा, खांसी, गले में जलन, और अन्य सांस संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। खराब एक्यूआई का स्तर अस्थमा और दिल के रोगियों के लिए विशेष रूप से हानिकारक होता है।
अधिक आतिशबाजी से ये स्तर बेहद खराब श्रेणी तक पहुंच सकते हैं, जो सामान्य लोगों के लिए भी खतरे का कारण बन सकता है। क्या सावधानियां रखें? बाहर कम निकलें: विशेषकर बुजुर्ग, बच्चे और सांस की बीमारी वाले लोग प्रदूषण बढ़ने के समय घर के अंदर ही रहें। मास्क का उपयोग: बाहर जाने पर एन 95 मास्क का उपयोग करें, जो पीएम 2.5 कणों से सुरक्षा प्रदान करता है। पौधों का रखरखाव: घर के आसपास तुलसी, मनी प्लांट और स्नेक प्लांट जैसे पौधे लगाएं, जो हवा को शुद्ध करने में सहायक होते हैं। यह भी पढ़ें: दीपावली के दिन घर में लगी आग, नकदी-जेवर समेत 10 लाख का सामान खाक; तार से निकली चिंगारी से हुआ हादसा यह भी पढ़ें: षड्यंत्र: इस्लामिक संघ ऑफ नेपाल सीमा क्षेत्र में फैला रहा भारत विरोधी एजेंडा, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया अलर्ट ।
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