यूपी में चार घोड़ों को मिली सजा-ए-मौत, जानें कारण

संक्षेप:

  • आंबेडकरनगर में घोड़ों को सजा-ए-मौत
  • सोमवार होगा जिंदगी का आखिरी दिन
  • घोड़ों को गंभीर बीमारी के कारण सजा

लखनऊः अब तक आपने इंसानों को विभिन्न अपराध में मौत की सजा दिए जाने की बात सुनी होगी, लेकिन पहली बार जिले में पशुओं को मौत की सजा सुनाया गया है। चार घोड़ों को मारकर उनको मौत के घाट उतार दिया जाएगा। इसकी तैयारी जिला प्रशासन व पशुपालन विभाग ने पूरी कर ली है। सब कुछ ठीक रहा तो सोमवार को घोड़ों को मारकर जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन कर दिया जाएगा। बताते चलें कि घोड़ों, गधों व खच्चरों में संक्रामक रोग ग्लैंडर्स फार्सी बीमारी तेजी से पांव पसार रहा है। इस गंभीर बीमारी का कोई टीका व इलाज नहीं है। सबसे खराब स्थिति यह है कि यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों में असानी से फैल जाती है। इस कारण इसकी रोकथाम एवं जागरूकता के लिए पशुपालन विभाग कर्मियों का प्रशिक्षण कराकर बीमार पशुओं की जांच कराने का निर्देश दिया है।  

बचाव-क्या करें

ताजा खाने को दें,

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शुद्ध पानी पिलाएं

आसपास साफ-सफाई रखें

गर्मी में रोज नहलाएं

जहां रखे जाएं वहां दवाओं का छिड़काव कराएं

बचाव-क्या न करें

बासी भोजन कदापि न दें

प्रदूषित पानी से दूर रखें

ज्यादा देर तक मिट्टी-कीचड़ में न रहने दें

बीमार पशुओं के नजदीक न जाने दें

बच्चों को नजदीक न जानें दें

ग्लैंडर्स फार्सी बीमारी का लक्षण

सभी पशु चिकित्साधिकारी अपने क्षेत्र के अंतर्गत प्रतिमाह आठ गांवों में ग्लैंडर्स बीमारी की निगरानी करते चले आ रहे हैं। इसी क्रम में जिले से प्रति माह 30 घोड़ों के खून का नमूना राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार (हरियाणा) भेजा जाता है। वहीं गत माह भेजे गए नमूनों में भीटी ब्लॉक के चार घोड़ों में ग्लैंडर्स फार्सी बीमारी का लक्षण जांच में पाया गया है। अब यह बीमारी अन्य पशुओं के साथ मनुष्यों में न फैले इसलिए अब इन चारों घोड़ों को मौत के घाट उतारा जाना निश्चित कर लिया गया है। इस संबंध में उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार शर्मा ने बताया कि चारों घोड़ों को मारने की कागजी कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। जिलाधिकारी के अलावा विभागीय अधिकारियों से अनुमति मिल गई है। जल्द ही घोड़ों को मारकर गड्ढे में दफना दिया जाएगा।

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