सिद्धार्थनगर में गलत वैक्सीन लगने का मामले में कॉकटेल डोज के पहले नमूनों की जांच पूरी, जल्द रिपोर्ट जारी करेगी आरएमआरसी

संक्षेप:

  • जिले में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से दो अलग-अलग वैक्सीन लगवा चुके हैं 20 लोग
  • यूरोप के कई देशों ने किया कॉकटेल डोज का अध्ययन
  • भारत में भी होना था अध्ययन, लेकिन इसकी मंजूरी आईसीएमआर की ओर से मिल नहीं रही थी

उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से दो अलग-अलग वैक्सीन, कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवा चुके लोगों की कॉकटेल डोज के नमूनों का अध्ययन पूरा हो चुका है। पहले चरण के लिए गए तीन अलग-अलग समूहों के नमूनों की जांच एनवाईवी पुणे (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी) कर चुकी है। आरएमआरसी (क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र) एक सप्ताह में इसका रिपोर्ट जारी करेगी। हालांकि, इस रिपोर्ट के बाद तीन अलग-अलग समूहों से नमूने दो-दो बार और लिए जाएंगे।

 

जानकारी के मुताबिक यूरोप के कई देशों ने कॉकटेल डोज का अध्ययन किया है। इनमें ब्रिटेन और यूरोप के कई देश शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इसके रिजल्ट भी बेहतर मिले हैं। इस बीच इसके अध्ययन के लिए भारत में भी इसकी शुरुआत होनी थी, लेकिन इसकी मंजूरी आईसीएमआर (इडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की ओर से मिल नहीं रही थी।

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सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ तहसील के औंदही कलां में इसी दरम्यां स्वास्थ्य कर्मियों की गलती से 20 लोगों को पहली कोविशील्ड की डोज और दूसरी कोवैक्सीन की लगा दी गई। इसकी जानकारी जब आईसीएमआर को हुई तो आरएमआरसी को ऐसे लोगों के नमूने इकट्ठा करने के निर्देश दिए।

आरएमआरसी की टीम ने इन सभी के दो-दो नमूने लेकर जांच के लिए एनआईवी पुणे भेज दिया है। पहला नमूना चार जून और दूसरा 11 जून को लिया गया। इनमें पहले नमूने का अध्ययन किया जा चुका है। इसकी रिपोर्ट आईसीएमआर की ओर आरएमआरसी जारी करेगी। आरएमआरसी का मानना है कि अगर डोज का यह फॉर्मूला हिट हुआ तो स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही का एक का बड़ा फायदा हो सकता है। 

 

आईसीएमआर के प्लानिंग कोर्डिनेटर व निदेशक डॉ. रजनीकांत ने बताया कि कॉकटेल डोज के अध्ययन के लिए तीन समूहों के नमूने लिए गए हैं। इनमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगवा चुके 40-40 लोगों के दो बार नमूने लिए गए हैं। जबकि, पहला डोज कोविशील्ड और दूसरा डोज कोवैक्सीन का लगवा चुके 18 लोगों के नमूने शामिल हैं। 

 

पहला नमूना चार जून, दूसरा 11 जून को लिया गया है, जबकि तीसरा 180 दिन बाद और चौथा 365 दिन बाद लिया जाएगा। सभी नमूनों की जांचों का अध्ययन एनआईवी की टीम अलग-अलग करेगी। चार नमूनों के अध्ययन का रिजल्ट भी अलग-अलग जारी किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि समय के साथ शरीर में क्या-क्या बदलाव दिख रहे हैं।

आईसीएमआर निदेशक डॉ. रजनीकांत ने बताया कि तीन समूहों के अलग-अलग 98 नमूने लिए गए हैं। इनमें पहले नमूनों की जांच हो चुकी है। इसका रिजल्ट जल्द ही जारी किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अध्ययन के परिणाम बेहतर मिले हैं। इन सभी के कुल चार नमूने लिए जाने हैं। इनमें दो बार नमूने लिए जा चुके हैं और दो बार और नमूने लिए जाने हैं। सभी नमूनों का अध्ययन अलग-अलग किया जाएगा, जिससे की एक साल के अंदर ऐसे लोगों के शरीर में कब-कब क्या बदलाव हुए हैं। इसकी पूरी जानकारी मिल सके।

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