गोमती नदी प्रदूषण: मुलायम की समधन समेत 4 अफसरों से NGT वसूलेगी 50-50 लाख

संक्षेप:

  • गोमती नदी के किनारे फैली गंदगी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने लखनऊ नगर निगम पर 2 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है.
  • एनजीटी की इस सिफारिश के बाद अब उन्हीं अफसरों से इसकी भरपाई की जाएगी जिनकी जिम्मेदारी साफ-सफाई की थी.
  • इसमें समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की समधन अंबी बिष्ट समेत 4 अफसर शामिल हैं.

लखनऊ: गोमती नदी के किनारे फैली गंदगी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने लखनऊ नगर निगम पर 2 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है. एनजीटी की इस सिफारिश के बाद अब उन्हीं अफसरों से इसकी भरपाई की जाएगी जिनकी जिम्मेदारी साफ-सफाई की थी. इसमें समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की समधन अंबी बिष्ट समेत 4 अफसर शामिल हैं. इन चारों को नोटिस जारी करने के लिए नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त को निर्देश दिए हैं.

बता दें कि सोमवार को एनजीटी की अनुश्रवण कमेटी ने गोमती तट का निरीक्षण किया था. इसमें गोमती नदी के किनारे कूड़े का अंबार, गंदे नालों का पानी नदी में गिरने और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था न देखकर नगर निगम पर 2 करोड़ का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया है. नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने चारों अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है कि उनसे 50-50 लाख का जुर्माना वसूलने के लिए शासन से सिफारिश क्यों न कर दी जाए. मंगलवार देर शाम नगर आयुक्त की तरफ से भी इस संबंध में उन्हें नोटिस जारी किया गया. नोटिस भेजने से नगर निगम में तैनात इन अफसरों में हड़कंप मच गया है.

इन्हें जारी किया गया नोटिस

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नगर आयुक्त ने गोमती तट पर फैली गंदगी के लिए जिम्मेदार मुख्य अभियंता सिविल एसपी सिंह, मुख्य अभियंता विद्युत् यांत्रिक राम नगीना त्रिपाठी, जोनल अधिकारी जोन 3 राजेश गुप्ता और जोनल अधिकारी जोन 6 अंबी बिष्ट पर 50-50 लाख रुपए वसूली के निर्देश दिए हैं.

योगी सरकार को 100 करोड़ की गारंटी जमा कराने की सिफारिश

गोमती नदी में बढ़ते प्रदूषण से नाराज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की अनुश्रवण समिति ने प्रदेश की योगी सरकार से 100 करोड़ रुपये की गारंटी जमा कराने की सिफारिश की है. अनुश्रवण समिति के चेयरमैन जस्टिस डीपी सिंह ने एनजीटी को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गोमती नदी की सफाई और एनजीटी के आदेशों के अनुपालन की गारंटी के लिए यह फंड जमा कराया जाए. साथ ही यह भी कहा है कि अगर 2 साल में गोमती साफ नहीं हुई तो इस राशि को हर्जाने के तौर पर जब्त कर लिया जाए.

गोमती किनारे न करें मॉर्निंग वाक

अनुश्रवण समिति ने अपनी रिपोर्ट में लोगों को आगाह भी किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गोमती में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि इसमें नहाना तो दूर, इसके आसपास सैर करना भी खतरनाक है. खास तौर पर सुबह नदी किनारे सैर से दूरी बनाएं, यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.

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