लखनऊ जू का सबसे बुजुर्ग बाघ 'शिशिर' पड़ा बीमार, खान-पान में की कमी

संक्षेप:

  • बुजुर्ग बाघ शिशिर की तबीयत खराब
  • शनिवार से कम की अपनी खुराक
  • जानिए कैसा है अब हाल

लखनऊ: लखनऊ जू नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान की शान बुजुर्ग बाघ शिशिर की तबीयत खराब हो गई है। हालांकि अब सुधार आने लगा है। 18 वर्षीय शिशिर ने शनिवार से अपनी खुराक कम कर दी थी । सोमवार को उसने अपनी रोजाना कि खुराक से कम लेकिन डेढ़ किलो मीट व एक बड़ा कटोरा भर के उसने मुर्गे का सूप पिया।

आपको बता दें कि कुछ दिनों से जू का सबसे बुजुर्ग बाघ शिशिर ने अपनी खान-पान में कमी कर दी थी। पिछले 6 महीनों से शिशिर में बुजुर्ग की अवस्थ्या नजर आने लगी है और वह सुस्त पड़ने लगा है। बीते कई महीनों से शिशिर ने बाड़े में गश्त करना भी बंद कर दिया है। उसकी ऐसी गतिविधियों को देखकर जू के कर्मचारी व पशु चिकित्सक भी चिंतित नजर आने लगे हैं।

डॉक्टरों की टीम बाघ का दिनभर में दो बार चेकअप कर के दवाएं भी समय-समय पर दे रही है। शिशिर के खुराक में मल्टी विटामिन - मिनरल्स कि मात्रा बढ़ाई गई है । सोमवार से उसकी तबीयत में सुधार आया है उसने खाने के संग बाड़े के के पूल में नहाना भी पसंद किया।

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जू के बुजुर्ग बाघ को नंदनकानन प्राणी उद्यान से लखनऊ के जू में 2007 में लाया गया था उस वक्त उसकी उम्र 6-7 वर्ष रही होगी । अब वह 18 वर्ष का हो चला है । 6 महीनों से उसकी व्यवहार में सुस्ती नजर आने लगी है । इसमें वृद्धा अव्यवस्था के लक्षण नजर आने लगी है,  जैसे कि उसके दांतों का घिस जाना, अपनी खुराक में लगातार कमी करना , दिनभर अपने बाड़े में पड़े रहना , गश्त ना करना इत्यादि।

वर्तमान समय में नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में आठ रॉयल टाइगर व तीन सफेद बाघ रह गए हैं। जू के आरके सिंह ने बताया कि वह पानी तो पी रहा है लेकिन खुराक कम ले रहा है । 2007 में शिशिर के साथ एक मादा बाघिन इप्शिता भी लाई गई है।

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