छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) शासन दूसरे प्रांत से अवैध धान परिवहन करने वालों पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए राज्य के सीमावर्ती इलाकों में विशेष सर्तकता बरतने के निर्देश दिये हैं

महासमुंद. जिसे लेकर महासमुंद (Mahasamund) जिले के ओडिशा (Odisha) से लगे सीमावर्ती इलाकों में भी जांच चौकियां बनाई गई हैं. जहां से लगातार अवैध धान परिवहन के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ओडिशा से महासमुंद में धान की आवक लगातर जारी है. जांच टीम ने अब तक साढ़े 4 हजार क्विंटल धान (Paddy) जब्त किया गया है. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी मामले में महासमुंद (Mahasamund) जिला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में दूसरे स्थान पर है. जिले के 122 धान खरीदी केन्द्रों के माध्यम से धान (Paddy) खरीदी की जाती है, जो आगामी एक दिसम्बर से शुरू होने जा रही है. महासमुंद जिला ओडिशा राज्य से सटे होने के कारण यहां पर अवैध धान का परिवहन धड़ल्ले से होता है. समर्थन मूल्य में धान खरीदी शुरू होने से पहले ही जिले में धान की आवक शुरू हो चूकी है, जिसके रोकथाम के लिए जिले में 17 जांच चौकियां बनाई गई हैं. बावजूद इसके पड़ोसी राज्य से महासमुंद जिले में अवैध धान की आवक लगातार जारी है. अब तक इतने प्रकरण 1 नवम्बर से लेकर अब तक प्रशासन ने 37 प्रकरणों में 4 हजार 133 क्वींटल धान मंडी अधिनियम के तहत जब्त की है. वर्ष 2018-19 में 543 प्रकरण अवैध धान परिवहन के बनाये गये थे, जिसमें 11 लाख 33 हजार 954 रुपये मण्डी शुल्क के नाम पर वसूले गये और संयुक्त जांच दल के द्वारा 20 प्रकरण दर्ज किये गये, जिसमें 82 हजार 576 रुपये का शुल्क वसूला गया. वर्तमान वर्ष 2019-20 में जिले के 17 जांच चैकियों के माध्यम से 1 नवंबर से अब तक 37 प्रकरण दर्ज कर 4 हजार 133 क्विंटल धान जब्त किये गये है. किसान नेता ललित चन्द्रनाहु शासन के इस कदम की तारिफ तो कर रहे है लेकिन सख्ती से कार्रवाई नहीं करने की बात भी कर रहे है.ये भी पढ़ें: लव मैरिज पर सामाज ने लगाया 30 हजार रुपये जुर्माना, पैसे नहीं देने पर की ये शर्मनाक हरकत   ये हैं छत्तीसगढ़ की 'पैड वूमेन', पर्यावरण के लिए खतरा बने धान की पराली से बनाया सेनेटरी नैपकिन ।

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