महासमुंद: शहर में खुलेआम घूमते हैं मवेशी, अब तक नहीं बनी है गोकुल नगर बसाने की योजना

संक्षेप:

शहर में गोकुल नगर बसाने की योजना नहीं बनी

सुबह से शाम तक सड़कों पर लगा रहता है जाम

गोंवंशियों के मांग के बाद बनेगी कार्ययोजना

महासमुंद शहर में अवारा पशु खुलेआम सड़कों पर घूमते रहे हैं। शहर में अभी तक कोई भी गोकुल नगर बसाने की योजना नहीं बन पाई है। जिसके कारण शहर के मवेशियों को चराने के लिए गोपालक शहर के अंदर से लेकर जाते हैं। जिससे शहर में सुबह से शाम तक सड़कों पर जाम लगा रहता है..

 

शहर में करीब सौ से अधिक पशुपालक परिवार हैं जो दूध बेचने का व्यवसाय करते हैं। इनमें अधिकांश परिवार शहर के वार्ड एक और दो में निवासरत हैं, जो मवेशियों को चराने और नहलाने के लिए शहर के वार्ड 16 स्थित बंधवा तालाब, टामकी तालाब शहर के मुख्य मार्ग से लेकर जाते हैं।

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सुबह नौ बजे से मवेशियों के मुख्य मार्ग से गुजरने का सिलसिला शुरू होता है जो 11 बजे तक चलता है और शाम को चार बजे से वापस घर आते हैं। इस दौरान प्रतिदिन करीब दो घंटे सड़क पर मवेशियों का आना-जाना लगा रहता है। मवेशियों की वजह से मार्ग में हर दिन दो घंटे जहां जगह-जगह पर जाम लगता है वहीं मवेशियां हार्न की आवाज सुनकर दौड़ने लगते हैं जिससे राहगीरों में हादसे का भय बना रहता है।

 

पशुपालक जगदीश यादव ने बताया कि पूर्व में गोकुल नगर बसाने की मांग की गई थी, पर इस पर कुछ नहीं हुआ है। एक बार फिर से गोकुल नगर के लिए मांग की जाएगी। बनने से उन्हें भी लाभ होगा और नागरिकों की परेशानी भी कम होगी। लेकिन गोकुल नगर के लिए अब तक शहर के गोवंशियों द्वारा किसी प्रकार की कोई मांग नहीं की गई है। जैसे ही गोवंशी सरकार और प्रशासन से मांग करेंगे तो जरुर इस पर योजना बनाई जाएगी और इसे बजट में शामिल कर लोगों को जाम की समस्या से निजा मिलेगी

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