महासमुंद में कमीशनखोरी के चक्कर में नहीं मिला 'सरकारी दामादों" का गिफ्ट

संक्षेप:

महासमुंद में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 14 मार्च 2020 को बागबाहरा के मां खल्लारी मंदिर परिसर में हुए 176 कन्याओं के विवाह का उपहार नवदंपतियों को अब तक नहीं मिल पाया है। इसके चलते हितग्राही निराश हैं।

महासमुंद: महासमुंद में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 14 मार्च 2020 को बागबाहरा के मां खल्लारी मंदिर परिसर में हुए 176 कन्याओं के विवाह का उपहार नवदंपतियों को अब तक नहीं मिल पाया है। इसके चलते हितग्राही निराश हैं।

दरअसल, इसके पीछे की कहानी कमीशनखोरी से जुड़ती है। बताया जाता है कि शादी का उपहार देने के लिए जिस कंपनी का टेंडर निकला था, विभागीय अधिकारी ने उससे कुछ ज्यादा ही कमीशन मांग लिया। इसके चलते उसने हल्का सामान भेज दिया, जिसे विभाग ने लौटा दिया। इसके बाद कंपनी ने सामान भेजा ही नहीं। अब विभागीय अधिकारी इस पर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं।

प्रदेश सरकार की निर्धन कन्या विवाह योजना का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा हर साल किया जाता है। इसके लिए पूरे साल गरीब कन्याओं की तलाश की जाती है। 14 मार्च 2020 को खल्लारी में 176 जोड़ियों का सामूहिक विवाह हुआ था। इनमें महासमुंद ब्लाक से 59, बागबाहरा से 19, बसना से 58 और पिथौरा से 40 जोड़े शामिल थे। इस दौरान दूल्हनों को मंगलसूत्र और विवाह का जोड़ा देकर बाकी गृहस्थी का सामान आलमारी, बर्तन आदि बाद में देने का वादा कर आयोजन संपन्न करा दिया गया।

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इसके बाद से सभी जोड़े उपहार का इंतजार कर रहे हैं। इसे लेकर उनमें काफी निराशा और नाराजगी भी है। इसका नुकसान यह हो रहा है कि विभाग को इस साल होने वाले आयोजन के लिए विवाह योग्य गरीब कन्या खोजने में दिक्कत हो रही है।

आपको बता दें कि इस आयोजन के लिए सरकार की ओर से प्रति जोड़ा 25 हजार रुपये दिए जाते हैं, जो राशि आयोजन के पहले ही जारी कर दी जाती है। यह है असली कहानी आयोजन में सामान देने के लिए जिस कंपनी का टेंडर निकला, चर्चा है कि उससे विभागीय अधिकारी है कुछ ज्यादा ही कमीशन मांग लिया। इस पर कंपनी ने लोकल सामान भेज दिया। इसे विभाग ने घटिया कहकर लौटा दिया।

इसके बाद कंपनी ने सामान भेजा ही नहीं। इस संबंध में पक्ष लेने के लिए महिला एवं बाल विकास अधिकारी मनोज सिन्हा से कंपनी का नाम जानना चाहा तो उन्होंने बताने से इन्कार कर दिया।

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