घोटाला: 152 निजी आईटीआई शिक्षण संस्थानों के छात्रों की होगी अंकपत्रों की जांच

संक्षेप:

  • छात्रवृत्ति घोटाले के बाद फूंक-फूंक कर कदम रखा जा रहा
  •  अंकपत्र फर्जी होने की शंका
  • जिलाधिकारी ने कमेटी गठित कर जांच आरंभ कराई

मथुरा। जिले में छात्रवृत्ति घोटाले के बाद समाज कल्याण विभाग ने विगत वित्तीय वर्ष में फूंक-फूंक कर कदम रखे हैं। विगत सत्र में सभी कॉलेजों और छात्रों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच पड़ताल की गई है। इसमें 152 आईटीआई कॉलेजों के 8294 छात्रों के दस्तावेजों की तब जांच पूरी नहीं हो सकी थी। इनके लिए जिलाधिकारी ने डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच आरंभ कराई है।

अंकपत्र फर्जी होने की शंका

जनपद में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति घोटाले के खुलासे के बाद समाज कल्याण विभाग ने आरोपी पाए गए शैक्षिक संस्थानों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वहीं विगत सत्र में आए छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के सभी आवेदनों की बारीकी से कई स्तर पर जांच पड़ताल कराई गई थी। इनमें 152 निजी आईटीआई शिक्षण संस्थानों के 8294 छात्रों के हाईस्कूल के उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे बोर्ड के दस्तावेजों की जांच पूरी नहीं हो सकी थी। इसमें शंका जताई गई है कि इनके अंकपत्र या तो फर्जी है अथवा डुप्लीकेट छात्रों के नाम पर धनराशि प्राप्त की गई होगी।

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कोरोनाकाल में जीव-जंतु सेवा का बढ़ रहा है दायरा

मथुरा। मंदिरों की नगरी में आदिकाल से दान की महत्ता रही है। यही कारण है कि मंदिर-देवालयों के दर्शनार्थ आने वाले हजारों श्रद्धालु जहां पर जीव-जंतु सेवा करने के लिए सदैव लालायित रहते हैं। लेकिन कोरोना काल में इनका आवागमन रूक सा गया है। जिसके चलते नगर के विभिन्न इलाकों में हजारों बंदरों व गोवंश को भोजन मिलना दूभर हो गया।

ऐसे में इन बंदरों और गायों को नियमित भोजन देने के लिए सेवाभावी लोगों व संस्थाओं ने कोरोना काल में अपनी सेवा का दायरा बढ़ाया है। सेवाभावी लोगों भीषण गर्मी के मौसम को देखते हुए बंदरों व गायों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपने स्तर से प्रयास शुरू कर दिए हैं। इन प्रयासों के तहत नगर के परिक्रमा मार्ग समेत विभिन्न मंदिर इलाकों में हजारों जीव-जंतुओं को प्रतिदिन सुबह-शाम विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फल, रोटी आदि खाद्य सामग्री खिला रहे हैं।

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