जन्माष्टमी पर वृंदावन पहुंचे कुमार विश्वास, मिट्टी में लोटपोट करते आए नजर; ब्रज दर्शन कर मांगी मनौती

राष्ट्रकवि डॉ. कुमार विश्वास ने कहा भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र ऐसा है कि वे किसी के वश में नहीं आते।

भगवान के अवतार को न केवल ब्रजवासी बल्कि प्रकृति भी बड़ी उम्मीद लगाए थी।

यही कारण था कि जब भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के कारागार में अवतार लिया तो देवकी-वासुदेव के बंधन खुल गए और दरबारी भी गहरी नींद में सो गए। सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट की गूंज इतना ही नहीं, घनघोर वर्षा और उफनती यमुना में रास्ता देने के लिए प्रकृति भी मथुरा और गोकुल के रास्ते में सहायक बन गई।

ऐसे प्रभु श्रीकृष्ण ने जब इंद्र का मान नष्ट किया तो उन्होंने अपनी सत्ता का अहसास दिला दिया। मंच पर आए राष्ट्रकवि डॉ. कुमार विश्वास ने आज के युग में कृष्ण के कथा की वैज्ञानिक व्याख्या भी समझाई।

कहा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं सारी दुनिया को बहुत सहजता से सम्मोहित कर लेती हैं।

ब्रजभाषा के कई छंदों के माध्यम से कृष्ण के विद्रोही स्वरूप का दर्शन करवाया।

कहा लोक के आनंद की गेंद अगर अनाचार के चंगुल में फंसतीं हैं तो अपने युग के हर नायक का यह प्रथम कर्तव्य है कि वह दुष्ट कालिया को दंड करके लोक का आनंद सुनिश्चित करे।

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