सुप्रीम कोर्ट ने फर्जीवाड़ा कर अदालत से आदेश लेने की जांच के दिए आदेश, मुजफ्फरपुर जिले का मामला

जायसवाल की ओर से पेश वकील अभिषेक राय और ज्ञानंत सिंह ने कोर्ट से 13 दिसंबर 2024 का आदेश वापस लेने का अनुरोध किया और कहा कि उनके मुवक्किल को सुप्रीम कोर्ट में कोई मामला लंबित होने की जानकारी ही नहीं थी। उनके मुवक्किल हरीश जायसवाल ने न तो सुप्रीम कोर्ट में कोई वकील नियुक्ति किया था और न ही बिपिन बिहारी सिन्हा उर्फ बिपिन प्रसाद सिंह के साथ कोई समझौता ही किया था।आरोप लगाया कि बिपिन बिहारी सिन्हा उर्फ बिपिन प्रसाद सिंह ने फर्जीवाड़ा करके 13 दिसंबर 2024 को कोर्ट का आदेश हासिल किया है। याचिका हो गई थी खारिजकोर्ट में पेश किया गया समझौता पत्र फर्जी है।

फर्जीवाड़े का आरोप लगाने वाले अर्जीकर्ता जिनकी आयु 90 वर्ष से ज्यादा है, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई में मौजूद थे। उनके वकीलों का कहना था कि इस मामले में नीचे की दोनों अदालतों और पटना हाई कोर्ट यानी तीन अदालतों ने उनके हक में फैसला दिया था और बिपिन बिहारी सिन्हा की याचिका खारिज कर दी थी।वकीलों ने कहा कि उस याचिका में बिपिन बिहारी सिन्हा ने जमीन का बिक्री समझौता होने का दावा किया था और जमीन की कुल कीमत 63,000 रुपये भुगतान करने के बावजूद बिक्री डीड न करने का आरोप लगाया था।तीनों अदालतों ने माना था कि बिपिन बिहारी की ओर से पेश बिक्री करार न तो वास्तविक था और न ही रजिस्टर्ड था। एक रोचक तथ्य और सामने आयावकील ने कहा जब वह तीनों अदालतों से मुकदमा जीत चुका है तो वह तीनों अदालतों के आदेशों को रद करने का समझौता क्यों करेगा?उसने तो निचली अदालत में डिक्री लागू कराने की अर्जी दाखिल कर रखी है जिस पर सुनवाई लंबित है।सुनवाई के दौरान मंगलवार को एक रोचक तथ्य और सामने आया।सुप्रीम कोर्ट के 13 दिसंबर 2024 के आदेश में जिस एओआर वकील का नाम हरीश जायसवाल की ओर से दर्ज है, उसकी बेटी जो स्वयं एक वकील है, मंगलवार को कोर्ट में पेश हुई और उसने कोर्ट में कहा कि उसके पिता इस मामले में कभी पेश नहीं हुए हैं।

यह भी कहा कि वे पांच वर्ष से वकालत नहीं कर रहे। बेटी ने स्वयं भी इस केस में पेश होने से इनकार किया।

इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दिए हालांकि बिपिन बिहारी की ओर से आरोपों का विरोध किया गया लेकिन कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच में क्या हर्ज है। सभी फैसले रद करने का आदेशहरीश जायसवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 13 दिसंबर का आदेश वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि उन्हें अभी हाल में पता चला कि सुप्रीम कोर्ट में पटना हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बिपिन बिहारी सिन्हा ने विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी और कोर्ट ने उस पर निचली अदालत और हाई कोर्ट के सभी फैसले रद करने का आदेश दिया है। अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी ओर से फर्जी समझौता पत्र पेश किया गया था।

उन्हें इस मामले में कोर्ट का कोई नोटिस नहीं मिला और जब उन्होंने पता किया तो पता चला की उनकी ओर से पहले ही एक कैविएट दाखिल कर दी गई थी और उनकी ओर से वकील पेश हुआ था जबकि उन्होंने कोई वकील नियुक्ति ही नहीं किया।यह भी पढ़ेंMuzaffarpur News: मुजफ्फरपुर के इस इलाके में दाखिल खारिज के 2500 वाद लंबित, आरओ से मांगा गया स्पष्टीकरण Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में दो प्रॉपर्टी डीलर को सरेआम गोलियों से भूना, दोनों की मौत; जांच में जुटी पुलिस ।

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