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उत्तराखंड के पहले साइकैड गार्डन में Dinosaur Era की `हरियाली`, दो एकड़ तक है फैला
- न्यूज़
- Wednesday | 21st May, 2025
हल्द्वानी में साइकैड की साइकस एंडमानिका, साइकस बेडोमी, साइकस जेलेनिका, साइकस पेक्टिनाटा और साइकस सिरसनलिस आदि प्रजाति देखने को मिलेगी।
चतुर्वेदी के अनुसार सजावट के तौर पर पहचान होने के कारण भी साइकैड्स प्रजातियों को विदोहन और संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
यही वजह है कि इस पादप समूह के संरक्षण का फैसला लिया गया। यह भी पढ़ें - Uttarakhand में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म, चीखने लगी बच्ची तो मुंह पर मारा घूंसा; फिर गला दबाकर मारने लगा धीमी वृद्धि दर लेकिन लंबे समय तक जीवितवन अनुसंधान के अनुसार साइकैड्स से जुड़ी वनस्पति प्रजातियां अन्य के मुकाबले धीमी गति से बढ़ते हैं।
लेकिन लंबे समय तक जीवित रहने में सक्षम है।
इनकी जड़ों में पाए जाने वाला कोरालाइड साइनो-बैक्टीरिया के साथ सहजीवी संबंध बनाकर वायुमंडल में नाइट्रोजन को स्थिर बनाए रखने में भी सहायक है। संजीव चतुर्वेदी, मुख्स वन संरक्षक अनुसंधान।
जागरण आर्काइव हल्द्वानी में तैयार साइकैड गार्डन साइकैड्स की अलग-अलग प्रजातियों के बारे लोगों को जानकारी देगा।
इन प्राचीन प्रजातियों को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना जरूरी था।
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