यात्री कृपया ध्यान दें: इन पांच दिनों में पहाड़ के लिए बाधित रहेगी केमू की बससेवा

संक्षेप:

  • पहाड़ के लिए बाधित रहेगी केमू की बससेवा
  • 300 से अधिक बसों का हुआ अधिग्रहण
  • रोडवेज से मांगी गईं हैं 98 बसें

हल्द्वानी। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के चलते पहाड़ से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए अगले कुछ दिन परेशानी भरे हो सकते हैं। निर्वाचन कार्य के लिए केमू की 300 से अधिक बसों का अधिग्रहण हो गया है। इस कारण 11 फरवरी से 15 फरवरी के बीच पर्वतीय क्षेत्रों के लिए बसें नहीं मिलेंगी। इधर, टैक्सियों का अधिग्रहण होने से भी समस्या आने वाली है।

दरअसल, प्रदेश में मतदान 14 फरवरी को होना है। इसमें पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्रों तक ले जाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से निजी बसों और टैक्सियों का अधिग्रहण किया जा रहा है। पर्वतीय जिलों में प्राइवेट बसें न होने के कारण हल्द्वानी संभागीय परिवहन कार्यालय को पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत और अल्मोड़ा जिलों के लिए भी बसों की व्यवस्था करनी है। इसके लिए परिवहन विभाग ने केमू की 300 से अधिक बसों का अधिग्रहण किया है। पहाड़ के लिए परिवहन विभाग ने 11 फरवरी को बसें मांगी हैं इसलिए 11 फरवरी को ही केमू की बसें संबंधित जिलों को भेजने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

केमू बस संचालकों का कहना है कि निर्वाचन कार्य में बसें 11 फरवरी को जाएंगी और 14 फरवरी को मतदान के बाद 15 फरवरी को सुबह तक लौटेंगी। केमू की ये वो बसें हैं जो हल्द्वानी से पिथौरागढ़, बागेश्वर, गंगालीहाट, अल्मोड़ा, धानाचूली, रामगढ़, शहरफाटा, रानीखेत, द्वाराहाट आदि जगहों के लिए चलतीं हैं। इसलिए 11 से 15 फरवरी के बीच यात्रियों को केमू की बसें न मिलने के कारण आवागमन में समस्या आएगी। इधर, निजी एवं केमू बस संचालक इस बात को लेकर भी काफी परेशान हैं कि जिनकी बसें कोविड महामारी में घाटे के बाद से परिवहन विभाग में सरेंडर हैं उन्हें मुक्त कराकर निर्वाचन ड्यूटी में भेजने के लिए कहा जा रहा है।

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रोडवेज से मांगी गईं हैं 98 बसें

विधानसभा चुनाव के लिए पुलिस महकमे ने परिवहन विभाग से 98 बसों की डिमांड की है। इन बसों से पुलिस एवं सुरक्षा कर्मियों को दूसरे प्रदेशों से यहां लाने का काम किया जाएगा।

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