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मजदूरों की दिहाड़ी 500 और 250 रुपये में शिक्षक तलाश रही उत्तराखंड सरकार, नौ साल से नहीं बढ़ी सैलरी
- न्यूज़
- Wednesday | 21st May, 2025
राजकीय कालेजों में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के लिए सरकार कोई धनराशि नहीं देती है।
शिक्षकों मानदेय और खर्च फीस से निकाले जाते हैं, लेकिन मानक शासन का ही चलता है।
जिन विभागों पर भरपूर कोष है वह भी नियमों की वजह से वेतन नहीं बढ़ा सकते हैं। सेल्फ फाइनेंस में अस्थायी शिक्षकों के लिए 2011 में आदेश सेल्फ फाइनेंस बीएड विभाग में विभागीय प्रक्रिया के तहत शिक्षक रखने की व्यवस्था है।
सरकारी नियमित शिक्षकों से इनका मानदेय कम है, लेकिन भुगतान निर्धारित है।
वर्तमान में विभागाध्यक्ष को 36750 रुपये, शिक्षकों को 26250 रुपये देने का प्रविधान है।शारीरिक प्रवक्ता को 15000 रुपये और पुस्तकालय प्रभारी को 12600 रुपये दिए जाते हैं।
वहीं, विभाग से नियुक्त पद खाली होने पर अस्थायी नियुक्ति को लेकर वर्ष 2011 में आदेश जारी हुआ था।
इसमें 250 रुपये प्रति वादन मानदेय तय किया था।
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