जल्द ही, WhatsApp पर कलर बताएंगे मेसेज के पीछे की सच्चाई

संक्षेप:

सोशल मीडिया पर झूठी अफवाहों के चलते वॉट्सऐप ने एक मेसेज को 5 से ज्यादा लोगों को भेजने पर रोक लगा दी है। इस कड़ी में अब दिल्ली के एक संस्थान की टीम एक ऐसा ऐप बनाने पर काम कर रही है जो WhatsApp पर आसानी से फर्जी खबरों को पकड़ सकेगा। दरअसल, इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी, दिल्ली (IIT-D) के कंप्यूटर साइंस के असोसिएट प्रफेसर पोन्नूरंगम कुमारगुरु की अध्यक्षता में बनाई गई टीम एक ऐसे ऐप पर काम कर रही है जो वॉट्सऐप पर आई खबरों की सच्चाई का पता लगा सकेगा।

इस ऐप पर काम कर रहे प्रफेसर का मानना है कि यह ऐप ऐसी स्थिति में बहुत कारगार साबित हो सकता है जहां लोग सिर्फ वॉट्सऐप पर फैली अफवाह को ही सच मानकर लोगों की हत्या कर दे रहे हैं। प्रफेसर ने कहा कि हम बड़ी मात्रा में डेटा इकठ्ठा कर रहे हैं। हमने लोगों को 9354325700 नंबर पर वॉट्सऐप पर आए मेसेज फॉरवर्ड करने के लिए कहा है। हम इन मेसेजेज की जांच करेंगे फिर उसके अनुसार ही ऐसे फर्जी मेसेजेज को रोकने के लिए एक मॉडल तैयार करेंगे।

Example के लिए अगर किसी यूजर को एक मेसेज आता है तो हम ऐसे कलर कोड बनाएंगे जो मेसेज की सत्यता को प्रमाणित करेंगे। अगर ऐप में हरा रंग होगा इसका मतलब है कि मेसेज सही है। पीले रंग का मतलब सिस्टम इस मेसेज को डीकोड नहीं कर पाया और अगर मेसेज आने पर ऐप में लाल रंग आया तो यह दिखाएगा कि मेसेज फर्जी या फेक है। प्रोफेसर ने बताया कि मेसेज मिलते ही हम मेसेज से जुड़े कॉमन फैक्टर्स का अध्ययन करेंगे। यह मेसेज में फोटो, कोई लिंक या फिर कोई शब्द हो सकता है। अगर यह फॉरवर्ड किया हुआ मेसेज है तो संभवतया यह फेक मेसेज होगा। उन्होंने आगे कहा कहा कि यह ऐप आनेवाले कुछ महीनों में तैयार हो जाएगा।

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