Lok Sabha Election 2019: चुनाव की तारीखों पर न करें राजनीति, क्या रोजा रहकर मुस्लिम काम नहीं करतेः ओवैसी

संक्षेप:

  • रमजान में लोकसभा चुनाव की तारीखें पड़ने पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है
  • असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि रमजान के महीने में चुनाव होना अच्छा है और मुसलमान इस महीने में ज्यादा वोट करेगा
  • मुसलमानों के ईमान पर मत उठाएं सवाल- ओवैसी

नोएडा: रमजान में लोकसभा चुनाव की तारीखें पड़ने पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. जहां कुछ मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने रमजान के महीने में वोटिंग कराने पर सवाल उठाया है, वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि इस मसले पर राजनीति न की जाए. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में चुनाव होना अच्छा है और मुसलमान इस महीने में ज्यादा वोट करेगा.

बिना वजह हो रहा विवाद- ओवेसी

ओवैसी ने कहा कि वह रमजान में चुनाव का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि वह रमजान में रोजा भी रहेंगे और वोट डालने भी जाएंगे. AIMIM चीफ ने कहा, `रमजान से वोटिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इस पर राजनीति न की जाए. यह गैर जरूरी विवाद पैदा किया जा रहा है. आपको रमजान के बारे में क्या मालूम है? उन्होंने कहा, `चांद दिखने के बाद रमजान पांच मई से शुरू होगा. ईद चार या पांच जून में पड़ेगी. चुनाव आयोग को चुनावी प्रॉसेस तीन-चार जून से पहले खत्म कर लेना है. जाहिर है कि रमजान से पहले चुनावी प्रॉसेस खत्म नहीं किया जा सकता और ईद के बाद चुनाव हो नहीं सकते. यह बात हर किसी को समझने की जरूरत है. बिना वजह इस पर राजनीति न की जाए.

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मुसलमानों के ईमान पर मत उठाएं सवाल

AIMIM अध्यक्ष ने सवाल उठाया, ` क्या मुसलमान रोजा रहकर दिन में काम नहीं करते हैं? हम रोजा भी रहते हैं, दिन में काम भी करते हैं और रात में जाकर नमाज भी पढ़ते हैं. ये लोग हमको हमारे ईमान को लेकर सवाल न उठाएं.

रमजान पर ज्यादा पड़ेंगे मुसलमानों के वोट

ओवैसी ने कहा कि रमजान आएगा और मुसलमान पूरे जोश से रोजा रहेंगे और वोट भी करेंगे. रोजा रहने और रमजान महीने में चुनाव होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि रमजान में तो मुसलमानों का ईमानी और रूहानी स्तर और ज्यादा हो जाता है और उन्हें विश्वास है कि रमजान में ज्यादा वोटिंग होगी.

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