PM मोदी के संबोधन के बाद फफककर रो पड़े ISRO चीफ सिवन, भावुक मोदी ने गले लगाकर दी हिम्मत

संक्षेप:

  • मिशन चंद्रयान-2 की असफलता ने इसरो चीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों को भावुक कर दिया.
  • लैंडर विक्रम से अचानक संपर्क टूटने के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया.
  • एक ऐसा समय भी आया जब इसरो के चेयरमैन और पीएम मोदी दोनों बेहद भावुक हो गए.

नई दिल्ली: मिशन चंद्रयान-2 की असफलता ने इसरो चीफ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों को भावुक कर दिया। इसरो कंट्रोल रूम में वैज्ञानिकों को दिए संबोधन के बाद पीएम बाहर निकले और भावुक इसरो चीफ के. सिवन फफक-फफककर रो पड़े। पीएम मोदी ने इसरो चीफ को गले लगाकर हिम्मत दी। पीएम ने इसरो चीफ की पीठ थपथपाई, उन्हें गले लगाया और गाड़ी में बैठ गए।

रो पड़े इसरो चीफ, पीएम भी भावुक हुए

प्रधानमंत्री मोदी को उनकी गाड़ी तक छोड़ने पहुंचे इसरो चीफ खुद को संभाल नहीं पाए। वह फफककर रोने लगे और पीएम ने गले लगाकर उनकी पीठ थपथपाई। पीएम गाड़ी में बैठे और के. सिवन ने हाथ हिलाकर उन्हें अलविदा कहा। हालांकि, इस बीच सिवन की डबडबाई आंखें और चेहरे पर निराशा साफ नजर आ रही थी। खुद पीएम भी इस मौके पर भावुक नजर आए और भावनाओं से जूझने का द्वंद पीएम के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था।

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वैज्ञानिकों को दी पीएम ने हिम्मत

पीएम नरेंद्र मोदी ने इसरो वैज्ञानिकों की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा, `अंतिम परिणाम भले ही हमारे अनुकूल न हो, लेकिन आपकी मेहनत, सामर्थ्य और सिद्धि पर पूरे देश को गर्व है।` पीएम ने यह भी कहा कि मैं आपको उपदेश देने नहीं आया हूं। सुबह-सुबह आपके दर्शन आपसे प्रेरणा पाने के लिए किए हैं। आप अपने आप में प्रेरणा का समंदर हैं।

पीएम ने कहा, `इसरो की सिद्धि और संकल्प पर देश को गर्व`

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा कि पूरे देश को उनके संकल्प और सिद्धियों पर गर्व है। पीएम ने कहा, `हमें इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है। इसरो ने ऐतिहासिक सिद्धियां हासिल की हैं और देश उनकी उपलब्धियों से आनंदित होता रहा है। खुद चंद्रयान-2 का अंतिम सफर आशा के अनुसार नहीं रहा, लेकिन इस सफर के दौरान कई ऐसे मौके आए जब देश आनंदित हुआ।`

अभी भी देश को चमत्कार की उम्मीद

भारत का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान शुक्रवार देर रात चांद से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर आकर खो गया। चांद की सतह की ओर बढ़ा लैंडर विक्रम का चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले संपर्क टूट गया। इससे ठीक पहले सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन इस अनहोनी से इसरो के कंट्रोल रूम में अचानक सन्नाटा पसर गया। टीवी पर टकटकी लगाए बैठे देश के लाखों लोग मायूसी में डूब गए। यह सबकुछ चंद्रयान पर लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के सबसे मुश्किल 15 मिनट के दौरान हुआ। अभी भी विक्रम और प्रज्ञान से संपर्क की उम्मीदें बाकी हैं, लेकिन यह किसी चमत्कार के जैसा ही होगा।

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