क्या बायर्स का 19000 करोड़ हजम कर जाएगा आम्रपाली बिल्डर्स ग्रुप ?

संक्षेप:

  • आम्रपाली ग्रुप पर बैंक के 1000 करोड़ की देनदारी
  • बायर्स का अरबों रुपया कैसे लौटाएंगे अनिल शर्मा
  • करीब 60 हजार फ्लैट बायर्स को नहीं मिले फ्लैट्स

नोएडा। आम्रपाली बिल्डर कहें या आम्रपाली ग्रुप। बैंकों की 1000 करोड़ की देनदारी आम्रपाली ग्रुप के लिए परेशानी का सबब बन गयी है। वहीं करीब 60 हजार निवेशकों के घर का सपना फिलहाल पूरा होता नज़र नहीं आ रहा है। पिछले कई साल से आम्रपाली ग्रुप इनको पज़ेशन देने में आनाकानी कर रहा है। कई फ्लैट और विला बायर्स का पूरा भुगतान भी कर चुके हैं लेकिन पिछले 3- 4 सालों से उनको आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ।

उनको हर बार एक डेट दी जाती है और उस डेट पर उनको फ्लैट्स का पज़ेशन नहीं मिलता। अब तक उनको आस थी कि उनको फ्लैट्स मिलने में देरी हो सकती है लेकिन अब उनका सपना टूटता हुआ सा नज़र आ रहा है। आम्रपाली ग्रुप के पास बैंकों करीब 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लौटाने के लिए रुपए नहीं है। इसीलिए उसने HDFC बैंक को अपना कॉरपोरेट ऑफिस तक सरेंडर कर दिया है। बैंक तो अपने कर्ज के दिए रुपये प्रॉपर्टीज़ की नीलामी करके वसूल सकता है लेकिन सबसे बड़ी समस्या का सामना बायर्स और इनवेस्टर्स को करना पड़ेगा। उनके पास ऐसा कुछ नहीं है जिससे कि वो अपनी दी गयी रक़म की भरपाई कर सकें। ख़ास कर तब जब बिल्डर खुद को दिवालिया घोषित करने पर आमादा नज़र आए।

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सभी फ्लैट और विला बायर्स के साथ निवेशकों की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं। घर का सपना तो टूटता नज़र आ ही रहा है साथ ही उनको मदद के लिए कोई साथ खड़ा नहीं दिख रहा है। ये बायर्स और निवेशक अब कोर्ट जाने का मन बना रहे हैं। मगर सवाल ये है कि अगर आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी के पास लौटाने के लिए 1000 करोड़ बैंकों के लिए ही नहीं है और उनको प्रॉपर्टी नीलाम करनी पड़ रही है तो ऐसे में निवेशकों के 19000 करोड़ वो कैसे चुकाएंगे। प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए उनके पास फूटी कौड़ी नहीं है और कोई इच्छा भी नहीं दिख रही है कि वो प्रोजेक्ट्स पूरा कराना चाहते हों।

कोर्ट से भी निवेशकों को क्या हासिल होना है ये सबको पता है। निवेशकों को डर है कि सीएमडी अनिल शर्मा बायर्स को अधर में छोड़कर विजय माल्या की तरह विदेश चले जाएंगे और उनको अदालतों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। सबको मालूम है कि विजय माल्या के केस में क्या हो रहा है। बैंक खुद अपनी वसूली नहीं कर पा रहे हैं। वहां भी इनवेस्टर्स के रुपए पूरी तरह डूब गए और कुछ ऐसा ही आम्रपाली ग्रुप के केस में होता नज़र आ रहा है।

कहा जा रहा है कि आम्रपाली बिल्डर दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसे में सवाल है कि 60 हजार निवेशकों ने आम्रपाली के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में जो करोड़ों रुपए लगा रखे हैं। उनकी भरपाई वो बेचारे कहां से करेंगे। उन्होंने बैंक से लोन ले रखा है और लगातार किश्तें भर रहे हैं वहीं अपने पूरे जीवन की पूंजी उन्होने अपना घर होने की आस में आम्रपाली बिल्डर को सौंप दी थी। अब इन बायर्स को समझ में नहीं आ रहा है कि वो करें तो क्या करें। आम्रपाली ग्रुप ने प्रोजेक्ट के नाम पर अनगिनत लोगों से अरबों रुपए ले रखे हैं। अब जब बैंक का 1 हजार करोड़ चुकाना आम्रपाली बिल्डर के सीएम अनिल शर्मा को भारी लग रहा है तो ऐसे में निवेशकों का अरबों रुपए वो कैसे देंगे इसका जवाब देने वाला कोई नहीं हैं।

शहर में बायर्स के लिए एक बड़ा झटका देने वाली खबर लेकर न्यूज़ आया है। नोएडा का आम्रपाली ग्रुप खुद को दिवालिया घोषित करने में जुटा है। आम्रपाली ग्रुप पर 20 हजार करोड़ रुपए की देन दारी है। आम्रपाली को निवेशकों को 19 हजार करोड़ लौटाने हैं जबकि बैंकों को एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना हैं।

आम्रपाली बिल्डर के सीएमडी अनिल शर्मा खुद को दिवालिया घोषित करना चाहते हैं। उन्होंने बैंको से कर्ज लौटाने में असमर्थता भी जाहिर कर दी है। आम्रपाली ग्रुप पर 20 हजार करोड़ रुपए देने का दबाव बढ़ता जा रहा है। एक तरफ RERA से पैदा होने वाली मुश्किले और दूसरी तरफ बढ़ती देनदारी से निजात पाने के लिए आम्रपाली ग्रुप ने विजय माल्या की डगर का रुख कर लिया है।

रविवार देर शाम नोएडा सेक्टर 62 में आम्रपाली ग्रुप के दफ्तर पर HDFC बैंक ने अपना ताला लगा दिया है। बैंकों को 1000 करोड़ रुपए लौटाने में ही जब आम्रपाली ग्रुप ने हाथ खड़े कर दिये हैं तो ऐसे में बायर्स के 19 हजार करोड़ वो कैसे लौटाएंगे ये एक बड़ा सवाल है। अब जल्द ही HDFC बैंक आम्रपाली ग्रुप की प्रॉपर्टीज़ को बेचकर अपने दिए हुए कर्ज की भरपाई करेगा।

NYOOOZ आपको बताना चाहता है कि नोएडा में करीब 60 हजार निवेशक अधर में फंस गए हैं। पिछले कई सालों से उनका रुपया आम्रपाली बिल्डर ले चुका है और उनके फ्लैट्स और विला का पज़ेशन अब तक नहीं दिया गया है। अब ऐसे निवेशकों की राह और मुश्किल हो गयी है।

विजय माल्या की राह पर चल पड़े हैं नोएडा के बिल्डर। नोएडा के नामचीन आम्रपाली बिल्डर के सीएमडी अनिल शर्मा खुद को दिवालिया घोषित करना चाहते हैं। जिसके बाद नोएडा के सेक्टर 62 में आम्रपाली ग्रुप के कॉरपोरेट ऑफिस को HDFC बैंक ने अपने कब्जे में लेकर उसे नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं जब ये खबर आम्रपाली के फ्लैट्स खरीदने वाले बायर्स को मिली तो वो आम्रपाली के ऑफिस पहुंचे और वहां बैंक का ताला लगा देख कर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं ।

फ्लैट बायर्स का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन भर की कमाई को आम्रपाली बिल्डर को दे दिया और न ही उन्हें फ्लैट मिला और अब तो पैसे की उम्मीद भी खत्म हो गयी । बैंक तो नीलामी से अपना पैसा वसूल लेगा, प्राधिकरण भी अपनी जमीनें वापिस ले लेगा। ठगे तो सिर्फ निवेशक ही जाएंगे। अब सवाल ये है कि इन बायर्स को न्याय आखिर कौन दिलाएगा।

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