15 अगस्त के बाद तिरंगे का ऐसा अपमान !

संक्षेप:

  • लेकिन अगले ही दिन  भारत की शान का प्रतीक इस तिरंगे का ये हाल किया जाता है
  • अगले दिन ये तिरंगा कूड़े के ढ़ेर में नजर आता है
  • आजादी के जश्न के मायने सिर्फ 15 अगस्त तक ही सिमित हैं ?

नोएडाः 15 अगस्त हमारा स्वतंत्रता  दिवस सन 1947 में 15 अगस्त के दिन भारत गुलामी के चंगुल से आजाद हुआ था। देश को आजादी दिलाने में यूं तो कई लोगों का योगदान है। देश को आजादी दिलाने के लिए भारत माता के कई सपूतों ने आजादी के लिए अपनी जान तक न्योछावर कर दी। स्वतंत्रता दिवस, जिसे पूरा देश बड़े जोश के साथ एक जश्न के रूप में मनाता है। पूरा देश इस दिन तिरंगा मई नजर आता है। पूरे दिन ये तिरंगा आपको हर गाड़ी पर, दुकानों पर, दफ्तरों में लगा दिखता है। लेकिन अगले ही दिन  भारत की शान का प्रतीक इस तिरंगे का क्या हाल किया जाता है। ये दिखा नोएडा के कूड़े ढ़ेर में

देश की आन, बान, शान माने जाने वाला तिरंगा। इस तिरंगा की रक्षा के लिए देश के सैनिक दिन रात बॉर्डर पर तैनात रहते हैं। भारत का तिरंगा झुक न पाए सिर्फ इसके लिए देश के जवान अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तत्पर रहते हैं। तिरंगा जिसे 15 अगस्त के दिन हर आदमी अपने हाथ लिए फिरता है। लेकिन आजादी का वहीं जश्न के अगले दिन ये तिरंगा कूड़े के ढ़ेर में नजर आता है। आप तस्वीरों में साफ़ देख सकते हैं कि किस तरह से तिरंगे का अपमान हो रहा है। अपनी बदहाली बयान करते कूड़े के ढेरों में पड़े हुए तिरंगे सोचने पर मजबूर करते हैं कि आजादी के जश्न के मायने सिर्फ 15 अगस्त तक ही सिमित हैं। 

स्वतंत्रता दिवस के दिन पूरे दिन ये तिरंगा आपको हर गाड़ी पर, दुकानों पर, दफ्तरों में लगा दिखता है। लेकिन 16 अगस्त आते आते भारत की शान का प्रतीक इस तिरंगे का क्या हाल किया जाता है इसका अंदाजा कूड़े के ढ़ेर में पड़े तिरंगे को देख साफ लगाया जा सकता है।

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