इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख बढ़ी, 5 अगस्त तक करें फाइल

संक्षेप:

  • 31 जुलाई थी आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख
  • बढ़ाई गई आयकर रिटर्न भरने की तारीख
  • 5 अगस्त तक भर सकते हैं आयकर रिटर्न

वित्त वर्ष 2016-2017 (असेसमेंट ईयर 2017-18) के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी। लेकिन सरकार ने आयकर रिटर्न भरने की तारीख बढ़ा दी है। 5 अगस्त तक रिटर्न भरने की तिथि बढ़ाई गई है।

हालांकि सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़ाने से इंकार कर दिया था। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी दलील दी थी कि सरकार ने इनकम टैक्स की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार किया था लेकिन अब यह साफ कर दिया हैं कि आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी।

अगर आप व्यक्तिगत करदाता हैं और किसी कारण से डेडलाइन से चूक जाते हैं तो भी चिंता की बात नहीं है। आप अपना रिटर्न 31 मार्च 2018 तक भर सकते हैं। आयकर विभाग करदाताओं को यह सहूलियत देता है। हालांकि, डेडलाइन के बाद नियम थोड़े बदल जाते हैं। अगर आप पर टैक्स की देनदारी बनती है और 31 जुलाई के बाद आयकर रिटर्न फाइल करते हैं तो आपके ऊपर जो टैक्स देनदारी बनेगा उस रकम पर साधारण ब्याज देना पड़ सकता है। हालांकि, यह टैक्स विभाग पर निर्भर करेगा कि वह ले या नहीं।

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चार्टर्ड अकाउंटेंट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 के लिए टीडीएस कट जाने और अडवांस टैक्स पे कर देने के बाद भी अगर आपके ऊपर टैक्स की कोई देनदारी बनती है और आप 31 जुलाई के बाद रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको जो टैक्स देना बनता है, वह और उस रकम पर 1 फीसदी महीना की दर से साधारण ब्याज देना होगा। टैक्स जमा करने की जो ड्यू डेट होगी, उससे लेकर रिटर्न फाइल करने की तारीख तक के समय के लिए आपको ब्याज देना होगा। बचे हुए टैक्स और ब्याज की रकम जमा कराकर आप 31 मार्च 2018 तक अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट संजीव कुमार के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 के लिए व्यक्तिगत करदाता 31 जुलाई की डेडलाइन चूकने के बाद 31 मार्च 2018 तक अपना आयकर रिटर्न भर सकते हैं। उनको इसके लिए कोई पेनल्टी का भी भुगतान नहीं करना होगा। हालांकि, इसमें एक जो समस्या है वह यह है कि अगर 31 जुलाई के बाद रिटर्न फाइल करते हैं औैर गलती होती है तो उसमें बदलाव नहीं करा सकते हैं। अभी भरने पर वह अपने रिटर्न में बदलाव करा सकते हैं।

पिछले दिनों सरकार ने आईटीआर फाइल करने से पहले आधार कार्ड और पैन कार्ड को लिंक करना अनिवार्य कर दिया था। लेकिन अब इससे छूट मिल गई हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बिना आधार और पैन कार्ड लिंक किए भी इनकम टैक्स रिटर्न करना स्वीकार कर दिया हैं। आधार और पैन कार्ड लिंक करने में कई लोगों को दिक्कत आ रही हैं। इस दिक्कत का मुख्य कारण आधार और पैन कार्ड से जुड़ी कई जानकारियों का आपस में न मिलना हैं। हालांकि, इनकम टैक्स फाइल करने के दौरान आधार नंबर देना अनिवार्य हैं।

पिछले दिनों आई जानकारी के मुताबिक आधार-पैन कार्ड लिंक करने की प्रक्रिया में देश के केवल 45 फीसदी टैक्स पेयर्स का पैन-आधार लिंक हो पाया हैं। कुछ बाढ़ प्रभावित इलाके जैसे गुजरात और आसाम में टैक्स पेयर्स को अलग रख उन्हें आगे थोड़ा मोहलत दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा हैं।

 

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