सुर्खियों में हैं INS विराट, यहां जानिए समुद्र पर राज करने वाले इस युद्धपोत की खासियतें

संक्षेप:

  • भारतीय नौसैना को आईएनएस विराट 12 मई 1987 को मिला
  • वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की भूमिका थी
  • समुद्र में 2250 दिन गुज़ारने वाला ये महानायक छह साल से ज़्यादा वक्त समुद्र में बिता चुका है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आईएनएस विराट को देश की सुरक्षा के लिए समुद्र में तैनात किया गया था, लेकिन इसका उपयोग राजीव गांधी अपने परिवार के संग छुट्टियां मनाने में कर रहे थे. आखिर राजनीतिक गलियारों में एकाएक इस युद्धपोत का जिक्र क्यों हुआ, जिसकी वजह से गांधी परिवार पर देश की सुरक्षा में तैनात आईएनएस विराट के दुरुपयोग करने का आरोप लग रहा है. ऐसे में आज हम आपको INS VIRAT विराट की उन खासियतों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिससे शायद आप आज तक अनजान होंगे.

आईएनएस विराट नौसेना की शक्ति का प्रतीक था जो कहीं भी जाकर समुद्र पर धाक जमा सकता था.INS विराट दुनिया का एकमात्र ऐसा जहाज़ था जो पुरानी होने के बाद भी इस्तेमाल किया जा रहा था. इसकी शनदार उपलब्धियों की वजह से इसे ‘ग्रेट ओल्ड लेडी’ के नाम से भी जाना जाता था. लगातार 30 साल तक सेवा देने के बाद मार्च 2017 में भारतीय नौसेना से रिटायर हो गया.
ये जहाज़ एक छोटा शहर है. इसमें लाइब्रेरी, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं है. 28700 टन वजनी इस जहाज़ पर 150 अफ़सर और 1500 नाविकों की जगह है. अगस्त 1990 से दिसंबर 1991 तक रिटायर्ड एडमिरल अरुण प्रकाश आईएनएस विराट के कमांडिंग अफ़सर रहे. इस जहाज़ पर 1944 में काम शुरू हुआ था. उस वक्त दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था. रॉयल नेवी को लगा कि शायद इसकी ज़रूरत न पड़े तो इस पर काम बंद हो गया लेकिन जहाज़ की उम्र 1944 से गिनी जाती है. 15 साल जहाज़ पर काम हुआ.

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भारत ने इसे साल 1980 में साढ़े छह करोड़ डॉलर में खरीदा था तब इंदिरा गांधी देश की रक्षा मंत्री हुआ करती थी. भारतीय नौसैना को आईएनएस विराट 12 मई 1987 को मिला. उस समय विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के रक्षा मंत्री थे. आईएनएस विराट के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद ये जहाज़ जुलाई 1989 में ऑपरेशन जूपिटर में हिस्सा लिया.

इस ऑपरेशन का मकसद श्रीलंका में शांति स्थापित करना था. वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की भूमिका थी. समुद्र में 2250 दिन गुज़ारने वाला ये महानायक छह साल से ज़्यादा वक्त समुद्र में बिता चुका है जिस दौरान इसने दुनिया के 27 चक्कर लगाए. भारतीय नौसेना के इतिहास में आईएनएस विराट की भूमिका जबर्दस्त है. 

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