फिर बढ़ी आम्रपाली की मुश्किलें, नोएडा अथॉरिटी ने मांगे 650 करोड़

संक्षेप:

  • नोएडा अथॉरिटी ने 650 करोड़ रुपये के लिए NCLT में क्लेम किया
  • नोएडा में लीज पर आवंटित प्रॉपर्टी पर पहला हक नोएडा अथॉरिटी का
  • सेक्टर-76 स्थित आम्रपाली सिलिकॉन सिटी का एरिया एक लाख 76 हजार 758 वर्ग मीटर 

आम्रपाली ग्रुप की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए नोएडा के सेक्टर-76 स्थित आम्रपाली सिलिकॉन सिटी के खिलाफ नोएडा अथॉरिटी ने 650 करोड़ रुपये के लिए NCLT में क्लेम कर दिया है। दरअसल अथॉरिटी ने मंगलवार को यह फैसला बैंक ऑफ बड़ौदा की रिट पर NCLT की ओर से आम्रपाली सिलिकॉन सिटी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद लिया है। बता दें, NCLT ने इस पूरे प्रॉजेक्ट की निगरानी आम्रपाली मैनेजमेंट से छीनकर आईआरपी राजेश सैमसन को सौंप दिया है। वहीं नोएडा अथॉरिटी के फाइनैंस कंट्रोलर मनमोहन मिश्रा ने बताया कि नोएडा में लीज पर आवंटित प्रॉपर्टी पर पहला हक नोएडा अथॉरिटी का है और  इसलिए NCLT में मंगलवार को 650 करोड़ के लिए क्लेम किया गया है।

 जानकारी के मुताबिक सेक्टर-76 स्थित आम्रपाली सिलिकॉन सिटी का एरिया एक लाख 76 हजार 758 वर्ग मीटर है। यहां लगभग पांच हजार फ्लैट बने हैं। इसमें लगभग 21 टावर बनकर तैयार हैं। सात टावर पेंडिंग है, इसमें लगभग एक हजार के करीब बायर्स बिना आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के रह रहे हैं। जब राजेश सैमसन को यहां आईआरपी नियुक्त किया गया था तो उन्होंने बायर्स के साथ बैठक की। आईआरपी को उन सभी अंशधारकों के हितों का भी ख्याल रखना होगा, जो इस प्रॉजेक्ट से अपनी बकाया रकम चाहते हैं। इनमें नोएडा अथॉरिटी भी अहम है।

दरअसल नोएडा अथॉरिटी के सीईओ आलोक टंडन और अडिशनल सीईओ अटल कुमार राय ने मंगलवार को 37 प्रॉजेक्टों की रिव्यू मीटिंग की। इस मीटिंग में इन प्रॉजेक्टों से जुड़े बिल्डर भी मौजूद थे। रिव्यू मीटिंग के दौरान पता चला कि इन प्रॉजेक्टों के 29 हजार फ्लैट्स के कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए अभी तक अप्लाई ही नहीं किया गया है। अथॉरिटी ने संबंधित बिल्डरों को इन फ्लैट्स के निर्माण की रफ्तार तेज करने के निर्देश दिए हैं।इसके साथ ही अथॉरिटी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह रिव्यू मीटिंग उन बिल्डरों के लिए बुलाई गई थी जिनके प्रॉजेक्टों की रफ्तार सबसे धीमी हैं। वहां पर काफी निर्माण कार्य बचा है। अथॉरिटी ने बिल्डरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बायर्स के हित में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। शासन ने स्पष्ट किया है कि यदि बिल्डरों ने तय समय सीमा में काम नहीं किया तो आने वाले समय में राज्य सरकार सख्त कार्रवाई कर सकती है।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


गौर हो कि बैंक ऑफ बड़ौदा का आम्रपाली सिलिकॉन सिटी पर 56 करोड़ रुपये बकाया है। इस रकम का भुगतान नहीं करने पर बैंक ऑफ बड़ौदा ने NCLT में रिट दायर कर कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन किया। वहीं 6 सितंबर  को NCLT ने आम्रपाली सिलिकॉन सिटी प्रॉजेक्ट में राजेश सैमसन को आईआरपी नियुक्त कर दिया। आईआरपी को अगले 6 महीने में इस प्रॉजेक्ट को पटरी पर लाने और इससे जुड़े बकायेदारों से जुड़ी पूरी डिटेल रिपोर्ट तैयार करनी है।

 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Noida की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles