इस्तीफे पर अड़े हैं राहुल गांधी, बोले- गांधी परिवार से नहीं हो अगला अध्यक्ष, CWC ने इस्तीफे को ठुकराया
- कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की तीन घंटे चली मैराथन बैठक में राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े रहे.
- राहुल गांधी ने कहा कि गांधी परिवार से अगला अध्यक्ष ना हो.
- साथ ही प्रियंका गांधी का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए ना प्रस्तावित किया जाए.
नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की तीन घंटे चली मैराथन बैठक में राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े रहे. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि गांधी परिवार से अगला अध्यक्ष ना हो. साथ ही प्रियंका गांधी का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए ना प्रस्तावित किया जाए. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक खत्म हो गई है. बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहता हूं, पार्टी के लिए काम करना चाहता हूं. इसके बाद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा निकल गए हैं.
The CWC meeting concludes. Press conference at 3:30pm at AICC HQ by @kcvenugopalmp & @rssurjewala pic.twitter.com/3JVMXst6JW
— Congress (@INCIndia) May 25, 2019
बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने अपनी बात रखी. सदस्यों का राहुल से कहना है कि आप इस्तीफा मत दीजिए. आप काम कीजिए. सभी की बात सुनने के बाद अब राहुल ने बैठक को संबोधित किया.
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सोनिया, प्रियंका, मनमोहन ने समझाया
इससे पहले 23 मई को राहुल ने सोनिया गांधी से इस्तीफा देने की बात कही थी. इस पर उन्होंने (सोनिया) राहुल से कांग्रेस वर्किंग कमेटी में अपनी बात रखने को कहा था. आज भी राहुल इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन बैठक से पहले प्रियंका गांधी और मनमोहन सिंह ने राहुल को समझाया. मनमोहन सिंह ने कहा था कि हार जीत लगी रहती है, इस्तीफे की जरूरत नहीं है.
हार पर मंथन
मोदी की सुनामी में कांग्रेस की जो गत हुई, उससे हर कोई हैरान है. हार पर मंथन करने के लिए कांग्रेस के दिग्गज इकट्ठा हुए. इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहुंचें.
2014 के मुकाबले इस चुनाव में कांग्रेस की सिर्फ 8 सीटें बढ़ीं हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 44 सीट जीती थीं. जबकि इस बार पार्टी को महज 52 सीट मिली हैं, जिससे उसे लोकसभा में विपक्ष का भी दर्जा नहीं मिलेगा. इसके लिए भी 54 का आंकड़ा चाहिए. राहुल गांधी भले ही वायनाड से बंपर वोटों से जीत गए हों. लेकिन कांग्रेस के गढ़ अमेठी पर अब भगवा लहरा रहा है. स्मृति ईरानी ने राहुल को 55 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी.
राज बब्बर ने भी की इस्तीफे की पेशकश
राहुल गांधी के इस्तीफे की बात सामने आने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने भी हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है. यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर जैसे नेताओं ने अचानक सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश में मिली बड़ी हार की बात को स्वीकारते हुए खुद को इसके लिए जिम्मेदार बताया.
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