गणतंत्र दिवस पर क्यों दी जाती है 21 तोपों की सलामी?

संक्षेप:

गणतंत्र दिवस पर क्यों दी जाती है 21 तोपों की सलामी?

 

हर भारतीय के लिए 15 अगस्त और 26 जनवरी दो बहुत ही अहम तारीखें हैंजहाँ 15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजी हुकूमत से आजादी प्राप्त हुई थी. तो वही 26 जनवरी 1950 भारत एक गणतंत्र देश बनकर उभरा. भारत का गणतंत्र बनने का अर्थ था कि यहाँ का राज्याध्यक्ष जनता के द्वारा चुना हुआ होगा

गणतंत्र दिवस को खास बनाता है इस दिन मनाया जाने वाला जश्न। बता दे कि इस मौके पर 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है, जो सबका ध्यान आकर्षित कर लेती है. मौके पर 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है, जो सबका ध्यान आकर्षित कर लेती है.लेकिन आखिर क्य़ो 21 तोपो की सलामी दी जाती है।उस समय जो ब्रिटिश युद्धपोत होते थे उनमें एक स्थान पर 7 हथियार रखे जाते थे. इसका कारण था बाइबिल में ‘7’ अंक का उल्लेख होना जिसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इसलिए, विषम अंकों को शुभ माना जाता है और जैसा अभी बताया गया कि ब्रिटिश नौसेना ने दुश्मन को शांतिपूर्ण माहौल बनाने के लिए हवाई फायर करने के लिए कहा, तो वो 7 हथियारों से किया था.

 

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इसके अलावा जंग के समय पानी में मौजूद लड़ाकू जहाजों की तुलना में किनारे पर मौजूद किले जल्दी से और ज्यादा मात्रा में बारूद रखने के लिए फायदेमंद थे. इसकी वजह से पानी में से एक फायर करने के मुकाबले वहां से उतने ही समय में तीन फायर किये जा सकते थे.

 

बाद में ये 7 हथियारों से 3-3 बार फायर करने का रिवाज बन गया और इस तरह 7 तोपों से 3-3 बार फायर करने से इसे 21 तोपों की सलामी से जाना जाने लगा. यह रिवाज शांति कायम करने के उद्देश्य से किया जाने लगा.

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