Delhi-NCR के दमघोंटू प्रदूषण पर SC ने केंद्र से कहा- पेट्रोल की जगह हाइड्रोजन से चलाई जाएं गाड़ियां

संक्षेप:

  • दिल्ली-एनसीआर के दम घोंटू हवा और प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कड़ी फटकार लगाई.
  • शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही केंद्र सरकार को हाइड्रोजन आधारित फ्यूल टेक्नोलॉजी खोजने को कहा है.
  • ताकि जानलेवा वायु प्रदूषण का स्तर और असर कम करने के लिए कोई समाधान निकाला जा सके.

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के दम घोंटू हवा और प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कड़ी फटकार लगाई. शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही केंद्र सरकार को हाइड्रोजन आधारित फ्यूल टेक्नोलॉजी खोजने को कहा है, ताकि जानलेवा वायु प्रदूषण का स्तर और असर कम करने के लिए कोई समाधान निकाला जा सके. कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि जापान ने इसी टेक्नोलॉजी के जरिए प्रदूषण का स्तर कम किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र से 3 दिसंबर तक जवाब मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को कम करने में नाकाम रही सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, `नई दिल्ली समेत उत्तरी भारत के अन्य हिस्सों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि लोगों का सांस लेना दुभर है. ऐसे में केंद्र सरकार देखे कि क्या पेट्रोल के बजाय हाइड्रोजन आधारित फ्यूल टेक्नोलॉजी एक समाधान के रूप में कारगर साबित हो सकती है.`

प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, `प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए सरकार ने थोड़े-बहुत निर्णायक प्रयास किए हैं, लेकिन अब समस्या के समाधान के लिए कुछ बड़े उपाय तलाशने होंगे. पूरा उत्तरी भारत... एनसीआर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है.` बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में स्मॉग (Smog) का कहर इस कदर है कि लोग सूरज के दर्शन करने को तरस गए हैं. ऑड-इवन (Odd-Even) हो, पराली जलाने पर रोक या फिर निर्माण को बंद करना सभी कोशिशें अब नाकाम होती नजर आ रही हैं. दिल्ली और नोएडा में खासकर बढ़ता पॉल्यूशन अब लोगों को परेशान कर रहा है.

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बुधवार को दिल्ली के लोधी रोड पर पीएम 2.5 एयर क्वालिटी इंडेक्स में 500 का स्तर छू गया. यह बेहद गंभीर स्थिति है. वहीं, मौसम विभाग (IMD) के अनुसार बुधवार को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इमरजेंसी जोन में आ सकता है.

 

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