Noida SSP वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में सनसनीखेज आरोप, बड़े-बड़े पुलिस अधिकारी पर गिर सकती है गाज!

संक्षेप:

  • अब तक की जांच में कथित विडियो के नोएडा के साथ ही गाजियाबाद व मेरठ से वायरल होने के संकेत मिले हैं.
  • वैभव कृष्ण प्रकरण की जांच को लेकर पूरे प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है.
  • गुप्त रिपोर्ट सार्वजनिक कर नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण मुश्किल में पड़ते दिख रहे हैं.

नोएडा: नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वायरल विडियो मामले में शुक्रवार को केस से जुड़े दस्तावेज हापुड़ पुलिस को सौंप दिए गए जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में कथित विडियो के नोएडा के साथ ही गाजियाबाद व मेरठ से वायरल होने के संकेत मिले हैं। प्रदेश शासन तक मामला पहुंचने की वजह से खुफिया एजेंसियों से लेकर एटीएस तक सक्रिय हो गई हैं। विडियो बनाने से लेकर उसे फॉरवर्ड करने वालों तक की आईपी डीटेल निकाली जा रही है। वहीं, हापुड़ एसपी संजीव सुमन ने बताया कि केस से जुड़ी जानकारियां उनके पास आ गई हैं। वह सिर्फ नोएडा सेक्टर-20 थाने में दर्ज हुए विडियो संबंधी मामले की विवेचना करेंगे। सूत्रों का कहना है कि पुलिस विभाग के कई कर्मचारी व गाजियाबाद के कुछ लोग भी जांच की जद में हैं। चर्चा है कि जल्द ही इस संबंध में कुछ गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

`उच्च अधिकारियों के आदेश के अनुसार होगी कार्रवाई`

इस मामले में मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला लखनऊ से मॉनिटर हो रहा है। डीजीपी ने खुद मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। साथ ही उच्च स्तर से जिस के प्रकार के आदेश आएंगे, उन्हीं के अनुसार कार्य किया जाएगा।

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कई पुलिसवाले रडार पर, हो सकती हैं कुछ गिरफ्तारियां

वैभव कृष्ण प्रकरण की जांच को लेकर पूरे प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचा हुआ है। इसकी जांच खुफिया एजेंसी से लेकर एटीएस तक कर रही हैं। पुलिस विभाग के कई कर्मचारी भी टारगेट पर हैं। चर्चा है कि जल्द ही इस संबंध में कुछ गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। कथित वायरल विडियो की जानकारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की जल्दबाजी में गुप्त रिपोर्ट सार्वजनिक कर नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण मुश्किल में पड़ते दिख रहे हैं। शुक्रवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डीजीपी ओपी सिंह ने गुप्त रिपोर्ट सार्वजनिक करने के मसले पर एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दे दिया है। डीजीपी के अनुसार इस तरह गुप्त रिपोर्ट को सार्वजनिक करना ऑल इंडिया सर्विस रूल बुक की धारा-9 का उल्लंघन है। डीजीपी और प्रदेश सरकार का रुख सामने आने के बाद एसएसपी की मुश्किलें फिलहाल बढ़ती नजर आ रही हैं।

पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

नए साल के पहले दिन बुधवार शाम एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित विडियो की चर्चा सामने आया और कुछ ही घंटों के अंदर एसएसपी ने इस बारे में अपनी बात रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी वैभव कृष्ण ने साजिश का आरोप लगाते हुए गुप्त रिपोर्ट की बात की थी, लेकिन देर रात मीडिया में इस रिपोर्ट को जारी कर दिया गया। उनके हवाले से रिपोर्ट मीडिया में आने के बाद गुरुवार को पुलिस महकमे और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए। वहीं, सीएम ने भी इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी मांगी। सीबीआई जांच की मांग से लेकर राजनीतिक पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अब कथित वायरल विडियो से ज्यादा, गुप्त रिपोर्ट सार्वजनिक होने की वजह से यह मामला तूल पकड़ गया है। लगातार सवाल उठने के बाद गुरुवार को डीजीपी व अपर मुख्य सचिव गृह को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में सफाई देनी पड़ी।

एसएसपी नोएडा ने अपनी रिपोर्ट में कविनगर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं कि आखिर गिरफ्तार युवती का मोबाइल फोन चंदन राय के पास कैसे पहुंचा। रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. अजय पाल शर्मा के कहने पर चंदन राय ने सुनील भारती नाम के व्यक्ति के जरिए युवती के खिलाफ एससी एसटी एक्ट का फर्जी मुकदमा लिखाने की भी साजिश रची। मुकदमा दर्ज कराने से पहले चंदन राय ने तहरीर की कॉपी अजय पाल शर्मा को भी भेजी। अजय पाल शर्मा की सहमति के बाद चंदन ने सुनील भारती को गाजियाबाद के इंदिरापुरम में मुकदमा दर्ज कराने के लिए भेजा।

यह है मामला

मेरठ के पत्रकार पीयूष राय ने आईजी को तहरीर देकर आरोप लगाया है कि नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित तौर पर 3 विडियो मेरठ में वायरल हुए। पीयूष के मुताबिक ने उन्होंने इसकी जानकारी आईजी जोन को दी और आईजी ने वैभव कृष्ण को बताया। वैभव ने आईजी का हवाला देकर उन्हें फोन किया और वॉट्सऐप पर तीनों विडियो मांगे। गुरुवार को नोएडा पुलिस के 2 इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस वालों ने मेरठ आकर उन्हें हिरासत में लेने का प्रयास किया। एसएसपी मेरठ और आईजी को जानकारी देने पर दोनों अफसरों ने नोएडा पुलिस को फटकारा। एडीजी ने भी नोएडा पुलिस से नाराजगी जताई और कहा कि जब जांच हापुड़ पुलिस कर रही है, फिर नोएडा पुलिस मेरठ क्यों आई।

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