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नोएडा बनेगा सेमीकंडक्टर चिप का हब: पांच कंपनियां लगाएंगी यूनिट, यूपी की होगी एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था, सरकार ने दी अनुमति
- न्यूज़
- Wednesday | 11th September, 2024
क्या-क्या हैं चुनौतियां इनमें सप्लाई चेन, कच्चा माल, उपकरण, टेस्टिंग फैसिलिटी और कुशल श्रम की कमी आदि शामिल हैं।
रिसर्च और डेवलपमेंट में दुनिया में अमेरिका अव्वल है।
भारत को अभी इस दिशा में काफी काम करना है।
चिप निर्माण में ताइवान, दक्षिण कोरिया और चीन से कड़ी टक्कर है। सबसे खास बात तो यह है कि ताइवान की कंपनी जहां दो नैनोमीटर का चिप बनाने जा रही है, वहीं भारत में 90, 55, 50 और 28 नैनोमीटर के चिप बनाने की अभी तैयारी है।
बाद में इसे 22 नैनोमीटर तक बढ़ाने की योजना है। सेमीकंडक्टर पॉलिसी से निवेशकों कई छूट उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी के तहत 50 प्रतिशत भारत सरकार से सब्सिडी, पांच प्रतिशत इंटरेस्ट सब्सिडी प्रतिवर्ष, 75 प्रतिशत लैंड रिबेट इसके तहत कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स, सिलिकॉन फोटोनिक्स, सेंसर फैंस, डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर, एटीएमबी, ओएसएटी से संबंधित यूनिट लगेंगी।
100 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी से राहत, 10 वर्ष तक 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी से राहत, 50 प्रतिशत राहत इंटरस्टेट पावर पर्चेज, ट्रांसमिशन और व्हीलिंग चार्ज पर, आरएंडटी सेंटर के लिए 25 प्रतिशत प्रतिपूर्ति, पेटेंट पंजीकरण फीस पर 10 लाख रुपये घरेलू व 20 लाख रुपये अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को प्रतिपूर्ति की जाएगी। ये भी पढ़ें- सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री ग्रोथ के लिए दुनिया MODI LAW पर फोकस करे, ग्लोबल लीडर्स ने भारत सरकार के प्रयासों को सराहा युवाओं को सेमीकंडक्टर निर्माण में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य के दो आईआईटी सहित तकनीकी संस्थानों में ऐसे पाठ्यक्रमों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा है।
सेमीकंडक्टर उद्योगों में सीएम इंटर्नशिप कार्यक्रम के तहत युवाओं के लिए दो वर्ष के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। ।
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