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नोएडा में 20 हजार खरीदारों के फ्लैट फंसे, सड़क से संसद तक हो चुका संघर्ष
- न्यूज़
- Saturday | 24th May, 2025
अब समझ में नहीं आ रहा कि कैसे इसमें ईडी को 12 हजार करोड़ रुपये का फंड डायवर्जन दिखने लगा, उन्होंने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज कर सर्च शुरू कर दिया।
जबकि लंबे समय से यही बात फ्लैट खरीदारों की ओर से चीख-चीख कर कही जा रही थी कि बड़ी मात्रा में फंड्स को डायवर्ट कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। जेपी ने फ्लैट खरीदार व निवेशकों के साथ धोखाकर उनके फंड्स की हेराफेरी की है।
हाल ही में ईडी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से जेपी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट से संबंधित फाइल मांगी थी, जिसमें बड़ी अनियमितता की बात सामने आ रही है।सेक्टर-128 से सेक्टर-132 तक के सभी प्रोजेक्ट जो जेपी इंफ्राटेक में आते है।
इसी में ईडी की सर्च है।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों प्रदर्शन करने पर कोर्ट के आदेश ले लिया गया कि कार्यालय के 500 मीटर तक धरना प्रदर्शन नहीं हो सकता है। शुक्रवार को जेपी प्रबंधन ने बातचीत के लिए बुलाया था।
जब हम लोग पहुंचे, तो साइट आफिस में काम कर रहे कुछ लोगों को ईडी ने बाहर निकाल कर अकाउंट्स से जुड़े लोगों को पूछताछ कर डिजिटल रिकार्ड जब्त किया गया। कुछ टावरों में शुरू हुआ था कामजेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने आवासीय टावर बनाने की योजना बनाई, जिसमें वर्ष 2010 में 40 हजार से ज्यादा खरीदारों ने बुकिंग कराई।
वर्ष 2013-14 से उनको पजेशन मिलना था।
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