Bihar Politics: PK के आने से बिहार उपचुनाव कैसे हुआ दिलचस्प, RJD-JDU को सता रहा किस बात का डर?

बिहार में पिछले चार दशक से भी ज्यादा समय से सवर्ण राजनीति हाशिये पर है।

लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने माय (यादव-मुस्लिम) समीकरण के सहारे भाजपा को अपने बूते बिहार की सत्ता से अभी तक वंचित रखा है।

इसी तरह नीतीश कुमार के जदयू ने अन्य पिछड़ी जातियों को गोलबंद कर भाजपा एवं राजद की राजनीति को संतुलित करके रखा है।

भाजपा को अपने कोर वोटरों के साथ-साथ नीतीश कुमार की पिछड़े वर्ग में पैठ का भी सहारा है।

केंद्र में सरकार के साथ खड़े होने से नीतीश कुमार के वोट बैंक में एकजुटता आई है। जन सुराज दे सकती झटकालोकसभा चुनाव में भी जदयू का प्रदर्शन अन्य की तुलना में बेहतर रही है।

पिछली बार की तरह जदयू पर चिराग पासवान जैसा ग्रहण भी नहीं है।

सबके अपने-अपने वोट बैंक और अपने-अपने समीकरण हैं।

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