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बिहार के 3 करोड़ मतदाताओं के पास नहीं है दस्तावेज, अब उनका क्या होगा? भाकपा-माले के नेता ने पूछा सवाल
- न्यूज़
- Wednesday | 2nd July, 2025
लेकिन, आजादी के बाद से आज तक कभी किसी मतदाता से उसकी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज नहीं मांगे गए।
यह राज्य की जिम्मेदारी रही है कि अगर किसी पर संदेह है तो उसे राज्य साबित करें।
अब हर मतदाता पर शक करके ऐसे कागज मांगे जा रहे हैं, जो आज भी करोड़ों भारतीयों के पास नहीं हैं।
हर जन्म का पंजीकरण कराना राज्य की जिम्मेदारी है।
पंजीकरण न होने से कोई जन्म अमान्य नहीं होता।
चुनाव आयोग यह क्यों नहीं बताता कि विशेष गहन पुनरीक्षण जैसी बड़ी प्रक्रिया शुरू करने से पहले किसी राजनीतिक दल से कोई सलाह-मशविरा क्यों नहीं किया गया? ।
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